Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को सीवान में वोटिंग होनी है. सीवान कभी भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के नाम से जाना गया तो कभी चर्चित बाहुबली शहाबुद्दीन के नाम से जाना गया. शहाबुद्दीन जेल में रहकर विधायक बने. 1996 से 2009 तक सांसद रहे. शहाबुद्दीन आरजेडी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे लेकिन निधन के बाद अब पार्टी ने परिवार से दूरी बना ली है. यही वजह है कि शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. सीवान से कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. समझिए इस सीट का जातीय समीकरण.


सीवान लोकसभा सीट की भी बिहार में चर्चा हो रही है. इस सीट से एक तरफ एनडीए है, दूसरी ओर आरजेडी तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब चुनावी मैदान में हैं. हिना शहाब हर बार आरजेडी की उम्मीदवार रहीं और इस बार अकेले चुनाव लड़ रही हैं तो सियासी गलियारे में चर्चा भी है कि क्या इससे आरजेडी का खेल बिगड़ जाएगा?


सात प्रत्याशियों का रद्द हुआ नामांकन


दरअसल, 25 मई को होने वाले चुनाव के लिए 20 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था जिसमें से सात का नामांकन रद्द हो गया. 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. एनडीए ने पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी विजय लक्ष्मी कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा है. आरजेडी ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को मौका दिया है.


किस जाति की कितनी संख्या?


सीवान लोकसभा क्षेत्र में सीवान, बड़हरिया, दरौंदा, जीरादेई, रघुनाथपुर और दरौली विधानसभा सीट शामिल है. जिले में करीब 24 लाख से ज्यादा वोटर हैं. सीवान लोकसभा सीट पर करीब 18 लाख मतदाता हैं. इसमें 9,85,125 पुरुष और 7,90,829 महिला मतदाता हैं. जातियों के आधार पर संख्या देखें तो मुस्लिम 3 लाख, यादव 2.5, कुशवाहा 1.25 लाख, सहनी 80 हजार, अपर कास्ट 4 लाख और ईबीस 2.5 लाख है.


एनडीए प्रत्याशी विजय लक्ष्मी कुशवाहा की बात करें तो वे पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी हैं. रमेश सिंह कुशवाहा की राजनीति की शुरुआत माले से हुई. बाद में उन्होंने जेडीयू का दामन थाम लिया और 2015 में वो जेडीयू के टिकट पर जीरादेई से चुनाव लड़कर विधायक बने. 2020 में ये सीट माले को चली गई और अमरजीत कुशवाहा यहां से विधायक बने.


आरजेडी ने अवध बिहारी चौधरी को टिकट दिया है. अवध बिहारी चौधरी सीवान सदर से छह बार विधायक रहे हैं. एक बार मंत्री और एक बार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने अभी तक एक बार भी सांसद का चुनाव नहीं लड़ा है. पहली बार वे सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं.


शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब चौथी बार चुनावी मैदान में हैं. हिना शहाब आरजेडी के टिकट पर लगातार तीन बार लड़ीं लेकिन हर बार हार गईं. 2009, 2014, 2019 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. कोरोना काल में मो. शहाबुद्दीन के निधन के बाद हिना शहाब और लालू परिवार में दूरियां बढ़ने लगी और इस बार उन्होंने निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया. देखने वाली बात होगी कि किसका खेल बनता और बिगड़ता है.


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