बक्सर: सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने शराबबंदी पर एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है. जीतन राम मांझी ने एक बार फिर कहा कि थोड़ी-थोड़ी शराब पीना बुरी नहीं है. उन्होंने कहा है कि मेडिकल साइंस में भी इसको माना है कि थोड़ी-थोड़ी शराब पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. उदाहरण देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि हमारे वर्ग के भी लोग शुरू से ही शराब बनाने के काम में रहे हैं, लेकिन मैंने कभी भी शराब को हाथ नहीं लगाया. उन्होंने कहा कि दरअसल शराबबंदी के कारण लाखों लोग अभी भी जेल में सजा काट रहे हैं, जिसके कारण गरीब और कमजोर तबके के लोगों को अभी भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


नीतीश सरकार की नीतियों पर हमला बोलते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं शुरू से ही कुछ मुद्दों पर सरकार से अलग राय रखता हूं. खासकर शराबबंदी को लेकर मेरे साथ विपक्ष को भी आगे आना चाहिए, ताकि सरकार को लगे कि शराबबंदी से गरीब लोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने माना कि महिलाएं, बच्चे एवं गरीब लोग पैसे कमाने के चक्कर में शराब तस्करी कर रहे हैं.  मांझी ने उक्त बातें बक्सर सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान कही.


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अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक


जीतन राम मांझी दो दिवसीय दौरे पर बक्सर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कई मामलों को लेकर बातचीत की और समस्याओं के जल्द निदान को लेकर चर्चा की. जीतन राम मांझी ने कहा कि इस बात पर जागरूकता जरूरी है कि शेड्यूल कास्ट के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है कि नहीं. वैसे लोग या अधिकारी जो शेड्यूल कास्ट से संबंधित मामलों में लापरवाही बरतते हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.


शराब की आदत नहीं लगनी चाहिए


दरअसल, बिहार में शराबबंदी एक बड़ा मुद्दा है और इस पर सरकार किसी भी एंगल से झुकने को तैयार नहीं है, लेकिन दलित नेता जीतन राम मांझी को आज भी लगता है कि थोड़ी-थोड़ी शराब पीने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसकी आदत नहीं लगनी चाहिए, क्योंकि शराब वास्तव में बुरी है. जब यह आदत बन जाती है तो यह परेशानी का भी सबब बन जाती है. हालांकि, जीतन राम मांझी के बयान से एक बार फिर साफ हो गया है कि जीतन राम मांझी पूरी तरह से शराबबंदी के पक्ष में नहीं है और वह इस मसले पर विपक्ष का भी साथ चाहते हैं. ताकि सरकार एक बार फिर से इस गंभीर मसले पर विचार कर सके.


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