पटना: स्टाइपेंड में वृद्धि की मांग को लेकर पीएमसीएच समेत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर और इंटर्न बुधवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं. कोरोना की ड्यूटी में लगे जूनियर डॉक्टरों को छोड़कर सभी विभागों में जूनियर डॉक्टरों ने काम ठप कर दिया है.


जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी के अलावा इमरजेंसी में भी कार्य बहिष्कार कर रखा है. हालांकि, हड़ताल को देखते हुए सभी मेडिकल कॉलेजों में सीनियर डॉक्टरों को तैनात कर दिया गया है.


हड़ताल लंबी चली तो पड़ेगा असर


बता दें कि हड़ताल की वजह से पीएमसीएम में कुछ घंटों के लिए ओपीडी सेवा ठप रही. हालांकि, सीनियर डॉक्टरों के आने के बाद सेवा शुरू कर दी गई. इस दौरान मरीजों की लाइन भी दिखी. मरीजों के मुताबिक कुछ जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल के बारे में उन्हें समझाकर वापस भी कर दिया. हालांकि, कोरोना मरीजों के इलाज में जिनकी ड्यूटी लगी है, वे जूनियर डॉक्टर कार्य कर रहे हैं.


पीएमसीएम के जूनियर डॉक्टर का कहना है कि स्टाइपेंड बढ़ाने का मांग को लेकर वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. 2017 में उन्हें कहा गया था कि हर 3 साल पर स्टाइपेंड बढ़ाई जाएगी, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ है. 2020 का दिसम्बर लास्ट है. ऐसे में वे चाहते हैं कि जनवरी से स्टाइपेंड बढ़ाई जाए.


जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उनके जेडीए अध्यक्ष बहुत बार प्रधान सचिव से मिलने के लिए गए है. एक दो बार और चीजों के लिए वे हड़ताल पर गए थे. उस समय भी हमलोगों ने स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं हुई है. ऐसे में जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, हमलोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.


इधर, एनएमसीएच के सीनियर डॉक्टर का कहना है कि हड़ताल की वजह से आपातकालीन सेवा के साथ-साथ ओपीडी सेवा पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. सीनियर डॉक्टरों के भरोसे पूरा अस्पताल चल रहा है. यहां वार्ड में भर्ती मरीजों का इलाज थोड़ा बहुत बाधित हो रहा है. हालांकि, नर्स अस्पताल में सेवा दे रही हैं. लेकिन मरीज को कोई बड़ी परेशानी होती है तो उसे देखने वाला सीनियर डॉक्टर मौजूद है.