पटना: राज्य भर के जूनियर डॉक्टर आज (बुधवार) से हड़ताल पर रहेंगे.राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच समेत राज्यभर के मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने ये हड़ताल स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर की है. आज सुबह 7 बजे से सभी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं.पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार और यूनाइटेड रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने इस बात की पुष्टि की है,उन्होंने कहा है कि इस दौरान इमरजेंसी, आइसीयू और कोरोना के इलाज से संबंधित कार्य का भी हम बहिष्कार करेंगे.



पीएमसीएच के जेडीए अध्यक्ष डॉ हरेंद्र कुमार के एलान के बाद पीएमसीएच ,एनएमसीएच समेत राज्य के सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य व्यवस्था ठप कर दी गई है. सुबह से ही ओपीडी और इमरजेंसी ठप्प हो गया है और सिर्फ कोविड डयूटी जारी हैं. जेडीए की माने तो 2017 में ही राज्य सरकार ने हड़ताल के बाद भरोसा दिया था कि हर 3 साल पर स्टाइपेंड की राशि मे बढ़ोतरी होगी लेकिन 2020 खत्म होने को है और अब तक स्टाइपेंड की राशि नहीं बढ़ाई गई जिसके बाद सभी हड़ताल पर चले गए हैं. जेडीए को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया है और मांगों को जायज बताया है.



इनका कहना है कि हमलोगों मुख्य मांग स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की है. डॉ विनय कुमार का कहना है कि पांच-छह साल पहले सरकार ने नियम बनाया कि जूनियर डॉक्टर और इटर्न के स्टाइपेंड का हर तीन साल पर पुनरीक्षण किया जाएगा.इसको लेकर हमलोगों ने कई बार स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन बार-बार आश्वासन के बावजूद अब तक हमारे स्टाइपेंड को नहीं बढ़ाया गया.



हड़ताल की जानकारी डॉक्टरों ने अस्पताल के प्राचार्य के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिखकर दे दी है. हड़ताल की वजह से मरीजों की मुश्किलें अब काफी बढ़नेवाली है क्योंकि कोरोना काल मे सामान्य और इमरजेंसी मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेजों में प्रभावित होगा ऐसे सरकार की भी चुनौतियां बढ़ गई है. इससे पहले भी जूनियर डॉक्टर अपनी किसी भी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाते रहे हैं और एक बार फिर आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल के बाद ये चेतावनी दी है कि जब तक लिखित आश्वासन सरकार के तरफ से नहीं मिल जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगा.