Bihar Inter Examination Result 2025: बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने 2025 की इंटरमीडिएट (12वीं) परीक्षा का रिजल्ट मंगलवार को घोषित किया था. 86.5 फीसद स्टूडेंट पास हुए हैं. जमुई का सिमुलतला आवासीय विद्यालय कभी टॉपर्स की फैक्ट्री कहा जाता था लेकिन इस बार भी टॉपर्स की सूची में इस विद्यालय के छात्र नहीं हैं. सिमुलतला आवासीय विद्यालय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट भी माना जाता है. 

सिमुलतला आवासीय विद्यालय 2015 में अस्तित्व में आया था. मैट्रिक हो या इंटरमीडिएट हर परीक्षा में यहां से टॉपर्स निकलना तय माना जाता था. 2017 से लेकर 2021 तक यहां के स्टूडेंस ने दबदबा बनाकर रखा, लेकिन पिछले चार सालों से यहां के स्टूडेंस टॉपर्स में जगह नहीं बना पाए हैं. इसकी वजह से अब आवासीय विद्यालय पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

4 साल में कोई टॉप-5 में भी नहीं बना सका जगह

बिहार सरकार ने सिमुलतला आवासीय विद्यालय में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए बीपीएससी से चयनित 22 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति भी की थी. लेकिन इसके बावजूद परीक्षा परिणाम में कोई सुधार नहीं दिखा. अब सवाल खड़े हो रहे है जब स्कूल में शिक्षकों की कमी नहीं है, प्रवेश प्रक्रिया भी कठिन है और विद्यार्थी मेधावी हैं तो परीक्षा परिणाम में गिरावट क्यों आ रही है. लगातार 4 साल से कोई छात्र टॉप-5 में भी जगह नहीं बना सका है.

क्या बोले स्कूल के प्राचार्य?

इसको लेकर स्कूल के प्राचार्य का कहना है कि छात्र गंभीरता से तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इस बावजूद परिणाम अच्छे नहीं आ रहे. उसका एक कारण स्कूल का इंग्लिश मीडियम होना. उनकी कॉपी को हिंदी मीडियम के शिक्षक जांच करते हैं. उन्होंने कहा कि इंग्लिश मीडियम की कॉपियां इंग्लिश मीडियम के शिक्षकों से ही चेक कराई जाए ताकि सही मूल्यांकन किया जा सके. 

'टॉपर्स की कॉपियां सार्वजनिक करनी चाहिए'

वहीं स्कूल के छात्रों का कहना है कि बिहार बोर्ड को टॉपर्स की कॉपियां सार्वजनिक करनी चाहिए ताकि बाकी छात्र अपनी गलतियों को समझकर सुधार कर सकें. कुल मिलाकर अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो सिमुलतला आवासीय विद्यालय अपना पुराना गौरव खो सकता है.

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