Madhubani News: प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और विभाग के मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) चाहे लाख दावे कर लें लेकिन आए दिन लापरवाही से पोल खुल रही है. ताजा मामला बिहार के मधुबनी सदर अस्पताल (Madhubani Sadar Hospital) का है. यहां सदर अस्पताल में लाइट नहीं रहने पर मोबाइल की रोशनी में ही मरीज देख लिए जाते हैं. इसका एक वीडियो सामने आया है.
मामला बीते शनिवार (05 जुलाई, 2025) का बताया जा रहा है. सदर अस्पताल में एक बुजुर्ग मरीज का इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा था. जब वार्ड में बिजली चली गई तो अस्पताल के कर्मियों ने मोबाइल निकाला और फ्लैश ऑन कर दिया. मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ने इसका वीडियो बना लिया. इससे जुड़ा वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि एबीपी न्यूज़ इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
करोड़ों खर्च कर बनाया गया मॉडल अस्पताल
बता दें कि मधुबनी के सदर अस्पताल (मॉडल अस्पताल) का उद्घाटन दिसंबर 2024 में 25.49 करोड़ की लागत से हुआ था. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने उद्घाटन किया था. करोड़ों के उपकरण लगाए गए, लेकिन इमरजेंसी वार्ड में इन्वर्टर जैसी बुनियादी सुविधा आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई.
सिविल सर्जन ने कहा- जल्द लग जाएगा इन्वर्टर
यहां बिजली कटने पर जेनरेटर से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होने तक मरीज या तो मोबाइल की रोशनी या टॉर्च की लाइट में इलाज कराने को मरीज मजबूर हैं. मोबाइल की रोशनी में इलाज को लेकर सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इमरजेंसी वार्ड एवं आईसीयू में अभी इन्वर्टर नहीं है. जल्द इन्वर्टर लग जाएगा. सिविल सर्जन ने आश्वासन तो दे दिया है लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो से सरकारी अस्पताल में व्यवस्था को लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहें हैं.
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