पटना: बिहार में एक जून 2023 से जमीन, फ्लैट और मकान समेत अन्य के निबंधन का प्रावधान बदल जाएगा. अगर आप भी जमीन, फ्लैट या मकान खरीदना-बेचना चाहते हैं तो फिर यह काम की खबर आपके लिए हैं. नियम बदलने से दोनों पक्षों (खरीदने या बेचने वाले) को राहत मिलेगी. बिहार सरकार (Bihar Government) अब इनके निबंधन की प्रक्रिया में गवाह की अनिवार्यता समाप्त होने जा रही है.


तीसरे व्यक्ति से अब मिलेगा छुटकारा


अब थोड़ा विस्तार में समझिए. जमीन, मकान या फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए पहले दो या चार गवाहों को लाना पड़ता था. ऐसे में अब इसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी. खरीदने वाले या बेचने वाले, किसी को इससे मतलब नहीं रहेगा. नए नियम लागू हो जाने के बाद सिर्फ जमीन या फ्लैट खरीदने और बेचने वाले ही निबंधन कार्यालय में आएंगे. यानी अब किसी तीसरे व्यक्ति की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.


एक जून तक का दिया गया है समय


इस नए नियम को बहाल करने को लेकर उत्पाद, मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. इसके अलावा संबंधित कंपनी को सॉफ्टवेयर में अहम बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए एक जून तक का समय दिया गया है. बदलाव के बाद सिर्फ जमीन-फ्लैट के क्रेता या विक्रेता को अपना-अपना आधार नंबर देना होगा. इसे बायोमेट्रिक प्रणाली के जरिए वैध करना होगा.


नियम के बदलाव से क्या होगा?                                      


दरअसल निबंधन कार्यालयों में जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री के दौरान लोगों की होने वाली भीड़ को कम करना मकसद है. एक रजिस्ट्री में चार या इससे अधिक गवाह के निबंधन कार्यालय में पहुंचने से काफी भीड़ लग जाती है. इससे कार्यालय का कामकाज भी प्रभावित होता है. कई मामलों में गवाह जुटाने में भी कई बिचौलिए अपने फायदे में रहते हैं. इससे लोगों का ही नुकसान होता है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया जा रहा है. बता दें कि प्रदेश में छोटे-बड़े सभी को मिलाकर देखें तो 137 निबंधन कार्यालय हैं. हर दिन लगभग पांच हजार निबंधन होते हैं.


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