Gopalganj News: बिहार के गोपालगंज में फाइलेरिया और एल्बेंडाजोल की दवा खाने से तीन सरकारी विद्यालयों के ढाई सौ से ज्यादा बच्चे बीमार हो गये. बीमार बच्चों का पंचदेवरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराया गया. मामला पंचदेवरी प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, मध्य विद्यालय भठवा और उत्क्रमित मध्य विद्यालय बगहवां का है. यहां शुक्रवार (9 फरवरी) को आठवीं तक के छात्रों को कीड़ी से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल और सर्वजन दवा सेवन (एमडीआर) के तहत फाइलेरिया दवा खिलायी गयी. दवा खाने के बाद एक-एक कर ढाई सौ (250) से ज्यादा छात्र बीमार हो गये. 


बताया जा रहा है कि छात्रों को दवा देते ही पेट दर्द और चक्कर आना शुरू हो गया. एक-एक कर छात्र रोने लगे और बेहोशी हालत में होकर गिरने लगे. स्कूल के टीचर्स ने इसकी सूचना शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी. एंबुलेंस और निजी वाहनों से सभी बीमार बच्चों को पंचदेवरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम इलाज में जुट गयी. ओआरएस का घोल छात्रों को पिलाया गया. देर शाम तक अधिकांश बच्चों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया और उन्हें घर भेज दिया गया. वहीं, कुछ छात्राओं को भर्ती कर रखा गया था. 


'सभी बीमार बच्चों की हालत खतरे से बाहर है'
स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि सभी बीमार बच्चों की हालत खतरे से बाहर है. उन्होंने कहा कि अधिकांश बच्चों को अस्पताल से छोड़ दिया गया है. अभिभावकों को समझाया गया है कि दवा का सेवन कराते समय जागरूक नहीं किये जाने की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी. डॉक्टर ने कहा कि अक्सर एल्बेंडाजोल और फाइलेरिया की दवा खाने से बच्चों के बीमार होने की शिकायतें आती है, लेकिन इससे घबराने और पैनिक नहीं होना है. ओआरएस का घोल देकर सभी बच्चों को ठीक कर दिया गया और फिर घर भेज दिया गया. 


विद्यालय से अस्पताल तक मची अफरा तफरी 
दवा खाने के बाद जब बच्चे बीमार होकर गिरने लगे तो अभिभावकों की बेचैनी बढ़ गयी. विद्यालय से लेकर अस्पताल तक बच्चों को लेकर अभिभावक पहुंचने लगें और इनके बीच अफरा तफरी मच गई. अभिभावकों ने दवा खिलाने को लेकर हंगामा भी किया. वहीं, बीमार बच्चों की संख्या इतनी थी कि एंबुलेंस भी कम पड़ गयी. ऑटो और निजी वाहनों से भी बीमार बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया. अधिकारियों के वाहनों का भी प्रयोग बच्चों को अस्पताल में पहुंचाने में किया गया. हालांकि पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी और स्थिति को समझा-बुझाकर काफी हद तक शांत कराने में जुटी रही. 


डॉक्टर और अधिकारी भी दिखें परेशान
बीमार बच्चों को विद्यालय से अस्पताल तक पहुंचाने में डॉक्टर से लेकर अधिकारी तक परेशान दिखें. स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक डॉ उपेंद्र कुमार, डॉ संजय गुप्ता, डॉ रंजीत कुमार इलाज में जुटे हुए थे. वहीं, स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार गौरव, बीडीओ राहुल रंजन, थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार बच्चों को अस्पताल पहुंचाने और उनके अभिभावकों को समझाने-बुझाने के प्रयास में जुटे हुए थे. अधिकारियों की तत्परता से बीमार बच्चों को तुरंत उपचार कर स्वास्थ्य किया गया और स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया.


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