Bihar News: बिहार की अदालत ने नौ साल पहले रेल रोको प्रदर्शन को लेकर दर्ज मुकदमे में शनिवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) और 22 अन्य को बरी कर दिया है. साल 2014 में रेलवे अधिनियम के तहत दर्ज मामले में सिंह के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद वीणा देवी, बीजेपी नेता राम सूरत राय और सुरेश शर्मा मुजफ्फरपुर की सांसद/विधायक अदालत में पेश हुए. गौरतलब है कि मार्च 2014 में केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार किए जाने के खिलाफ ‘रेल रोको’ आंदोलन किया गया था. 


अधिवक्ता अशोक कुमार ने बताया कि सोनपुर की रेलवे अदालत में मामला दर्ज किया गया था और बाद में सांसद/विधायक अदालत बनने के बाद सुनवाई यहां स्थानांतरित कर दी गई थी. इस मामले में कुल 27 लोगों को नामजद किया गया था, जिनमें से 23 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था. वहीं अब सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है. गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग अब भी कर रहे हैं. उन्होंने संकल्प लिया है कि विपक्षी दलों को एकजुट कर अगर बीजेपी को हराने में सफलता मिलती है तो सभी पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा देने के लिए कदम उठाएंगे.


ये है पूरा मामला
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम को लेकर साल 2014 में बीजेपी नेताओं की ओर से रेल रोको अभियान किया गया था. इसको लेकर मुजफ्फरपुर के तत्कालीन रेल थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बीजेपी के गिरिराज सिंह और सुरेश शर्मा समेत कुल 23 लोगों को नामजद करते हुए केस दर्ज किया था. वहीं कोर्ट में पेशी के दौरान खूब गहमा गहमी भी हुई. कोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल छा गया. वहीं कोर्ट में पेश होने के लिए केंद्रीय मंत्री दिल्ली से मुजफ्फरपुर पहुंचे थे.

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