मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित नवरुणा अपहरण और हत्याकांड में सीबीआई द्वारा मुजफ्फरपुर विशेष सीबीआई कोर्ट में ठोंस साक्ष्य के अभाव में मामले की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. हालांकि, परिजन सीबीआई की जांच से संतुष्ट नहीं हैं, ऐसे में अब वो सीबीआई जांच रिपोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और प्रोटेस्ट पेटिशन दाखिल करेंगे.


सात सालों से क्या कर रही थी सीबीआई?


इस संबंध में नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने बताया कि अब वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे जहां वह सीबीआई के रिपोर्ट के खिलाफ विरोध पत्र दाखिल करेंगे. उन्होंने बताया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा है. अब वह अपनी बेटी के अपहरण और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. नवरुणा के पिता ने बताया कि वे अपने लड़ाई को जारी रखेंगे. वहीं, उन्होंने पूछा कि आखिर 7 सालों तक सीबीआई क्या कर रही थी?


क्या है पूरा मामला?


बता दें कि पूरा मामला 12 साल पुराना है. 18 सितंबर, 2008 को अपने घर में सोई 12 साल की नवरुणा को रात के करीब 1:00 बजे घर की खिड़की का रॉड तोड़कर अगवा कर लिया गया था. उस वक्त परिजनों ने भू-माफियाओं पर अपहरण का आरोप लगाया गया था. इस दौरान पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच की गई. लेकिन अपहरण के 68वें दिन नवरुणा के घर के सामने के एक नाले में एक नर कंकाल बरामद हुआ, जिसे बाद में जांच के दौरान नवरुणा का बताया गया.


हालांकि, इस दौरान नवरुणा के परिजनों द्वारा पूरे मामले में भू माफियाओं के साथ-साथ कुछ पुलिस जवानों पर भी आरोप लगाया गया, जिसके बाद बिहार सरकार द्वारा पूरा मामला तीन दिसंबर, 2012 को सीआईडी को सौंप दिया गया. वहीं, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में दायर एक पेटिशन के हवाले से पूरे मामले को 14 फरवरी 2014 को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था. जिसके बाद से करीब 7 वर्षों के जांच के बाद अब सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है और जांच को बंद कर दिया है.


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