बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सीट बंटवारे को लेकर एनडीए के भीतर अभी भी पूरी सहमति नहीं बन पाई है. एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बीच सात सीटों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी को शुरू में 22 सीटें देने पर सहमति बनी थी. लेकिन बाद में दिल्ली में हुई बातचीत के बाद यह संख्या बढ़ाकर 29 कर दी गई.
फिलहाल एनडीए में सीटों को लेकर सस्पेंस बरकरार है. अगर समझौता नहीं हुआ, तो यह विवाद एनडीए की एकता के लिए चुनौती बन सकता है, खासकर तब जब चुनावी बिगुल बज चुका है और उम्मीदवारों की घोषणा का समय बेहद करीब है.
जेडीयू की सिटिंग सीटों पर अटका मामला
समस्या तब खड़ी हुई जब इन अतिरिक्त सात सीटों में से कुछ जेडीयू के कोटे से दी गईं. जेडीयू सूत्रों का कहना है कि पार्टी को 102-103 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद थी, लेकिन अब उसकी सिटिंग सीटें एलजेपी को मिलने की बात से असंतोष बढ़ गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस फेरबदल से नाराज बताए जा रहे हैं और उन्होंने इन सीटों को वापस लेने का संकेत दिया है.
29 से कम सीट मंजूर नहीं- चिराग पासवान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दूसरी ओर, चिराग पासवान अपने 29 सीटों के फॉर्मूले से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. एलजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी पहले ही समझौते के तहत कई सीटें छोड़ चुकी है और अब किसी तरह की कटौती स्वीकार नहीं करेगी. एलजेपी का तर्क है कि बीजेपी ने खुद अपने कोटे से सीटें देने का वादा किया था, ऐसे में जेडीयू की आपत्ति उचित नहीं है.
फॉर्मूला बचाने की जद्दोजहद में बीजेपी
बीजेपी इन दोनों सहयोगी दलों के बीच तालमेल बनाए रखने में जुटी हुई है. पार्टी चाहती है कि किसी भी कीमत पर गठबंधन में दरार न पड़े. सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में एक बार फिर से वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई जा सकती है, ताकि सीटों के इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके.
आखिरी चरण में बातचीत जारी
एनडीए के भीतर सीटों को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है, लेकिन सात सीटों पर मतभेद अब भी बने हुए हैं. बीजेपी का मानना है कि जल्द समाधान निकल जाएगा ताकि नामांकन की प्रक्रिया में कोई देरी न हो. वहीं जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी सिटिंग सीटें किसी और को देने का सवाल ही नहीं उठता.