गोपालगंज जिले की भोरे विधानसभा सीट से नामांकन करने पहुंचे महागठबंधन के प्रत्याशी जितेंद्र पासवान को पुलिस ने बुधवार (15 अक्टूबर, 2025) को गिरफ्तार कर लिया. बुधवार की सुबह अनुमंडल परिसर स्थित नामांकन केंद्र पर भोरे विधानसभा से भाकपा माले के प्रत्याशी जितेंद्र पासवान अपना नामांकन कराने आए थे. 

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बताया जाता है कि विजयीपुर थाने में 2017 में एक मामला दर्ज था. इसी में गिरफ्तारी हुई है. जैसे ही वे नामांकन कर वापस निकले तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हथुआ एसडीपीओ आनंद कुमार गुप्ता ने कहा कि जितेंद्र पासवान पर विजयीपुर थाने में 2017 में एक मामला दर्ज था, जिसको लेकर वह केस ट्रायल में चल रहा था. वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे थे. इसको लेकर उन पर गैर जमानतीय वारंट था, जिसके आधार पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है.

क्या है पूरा मामला?

यह मामला विजयीपुर थानांतर्गत कोरेया गांव का है. दो दिसंबर 2021 को भूमि विवाद को लेकर गांव के संजय पांडेय, सिंटू पांडेय, जगदंबा पांडेय ने लखनऊ में पढ़ रहे छात्र अटल पांडेय पर चाकू से जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था. अदालत ने पाया कि 16 वर्षीय अटल, जो अपने पिता का इकलौता पुत्र था, उसकी हत्या संपत्ति के लालच में की गR. इस हमले में अटल को बचाने पहुंचे अन्य परिजनों पर भी जानलेवा हमला किया गया था. इस कांड में ट्रायल पूरा हो चुका है. 

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जितेंद्र पासवान की गिरफ्तारी पर भड़के कार्यकर्ता

उधर दूसरी ओर जितेंद्र पासवान की गिरफ्तारी होने के बाद समर्थक और पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता भड़क गए. प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. जितेंद्र पासवान के अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री की मिलीभगत से जितेंद्र पासवान की गिरफ्तारी की गई है. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 के मामले में पुलिस ने उन्हें कोई भी वारंट नहीं दिया था, लेकिन नामांकन के समय वह वारंट दिखाकर उनकी गिरफ्तारी की गई है. भोरे विधानसभा की जनता इसका जवाब देगी.