बिहार विधानसभा चुनाव के मंगलवार देर रात आए नतीजों ने आरजेडी अध्यक्ष तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के उनके अरमानों पर पानी फेर दिया. एक मिलियन (दस लाख) नौकरी का वादा कर पूरे चुनाव प्रचार की दिशा मोड़ देने वाला तेजस्वी का यह तुरूप का पत्ता भी आखिर काम नहीं आ पाया. हालांकि, आरजेडी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जरूर उभरी लेकिन 2015 के विधानसभा चुनावों की तुलना में उसे 2020 में 5 सीटों का नुकसान हुआ. आरजेडी को पिछली विधानसभा चुनाव में 80 सीट मिली थी जबकि इस बार वह 75 सीटों पर सिमट कर रह गई.


ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तेजस्वी का 10 लाख नौकरी देना का वादा फ्लॉप साबित साबित हुआ? दरअसल, इस सवाल का जवाब पाने के लिए आपको महागठबंधन की हार के कारणों पर नजर डालना होगा.


नहीं चला तेजस्वी का मास्टर स्ट्रोक


बिना पिता लालू यादव के बिहार के राजनीतिक मैदान में उतरे तेजस्वी यादव ने भले ही 10 लाख नौकरी देना का वादा किया, लेकिन जनता का भरोसा पूरी तरह से जीतने में कामयाब नहीं हो पाए. उन्हें बिहार के उन ज्वलंत मुद्दों को छुने की जिसके चलते नीतीश कुमार पर चोट पहुंचाया जा सके, वो चाहे नौकरशाह में भ्रष्टाचार, युवाओं की बेरोजगारी और चरमराते स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल हो. लेकिन, सुशासन बाबू के 15 साल के काम और पीएम मोदी भरोसे की काट में उनका मास्टर स्ट्रोक नहीं चल पाया.


कांग्रेस का घटिया स्ट्राइक रेट


महागठबंधन के शानदार प्रदर्शन न कर पाने के बीच एक सबसे बड़ी वजह कांग्रेस का घटिया प्रदर्शन रहा. आरजेडी के साथ मैदान में उतरी कांग्रेस पार्टी अपनी जिद के चलते इस बार 70 सीटों पर तो अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए, लेकिन उसका स्ट्राइक रेट 27.1 रहा. वह 70 में से सिर्फ 19 सीट ही जीत पाई. जबकि, उसके मुकाबले आरजेडी ने शानदार प्रदर्शन किया. आरजेडी का स्ट्राइक 52.8 रहा.


कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार 2015 से भी घटिया रहा. कांग्रेस ने पिछली बार के विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और उसे 27 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. ऐसे में कांग्रेस से कहीं ज्यादा अच्छा प्रदर्शन इस बार बिहार में हम और वीआईपी जैसे क्षेत्रीय दलों ने किया है.


किसको कितनी सीटें मिली


बीजेपी- 74 सीट ( 2015 में 53 सीट, 21 का फायदा)


जेडीयू 43 सीट (2015 में 71 सीट, 28 का नुकसान)


आरेजडी- 75 सीट (2015 में 80 सीट, 5 का नुकसान)


कांग्रेस- 19 सीट (2015 में 27 सीट, 8 का नुकसान)


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