दरभंगा: बिहार के दरभंगा के बहादुरपुर विधानसभा से इस बार राजद ने लोजपा और राम विलास पासवान के पारिवारिक नजदीक रहे आर.के चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है. पहले भी ये सीट राजद के कब्जे में थी और यहां से राजद के कद्दावर नेता और लालू परिवार के काफी करीबी भोला यादव विधायक थे. भोला यादव ने 2015 के चुनाव में राजद-जदयू गठबंधन के तहत जातीय समीकरण की वजह से जीत हासिल की थी.


इसबार के चुनाव में जातिय समीकरण नहीं बैठ रहा था और उन्हें सीट खोने का डर था. ऐसे में उन्हें हायाघाट विधानसभा सीट ही जातीय समीकरण के हिसाब से महफूज लग रही थी, इसलिए उन्होंने सीट बदल ली और हायाघाट से चुनावी मैदान में उतर गए. इधर, जब एलजेपी ने परिवार के काफी करीबी माने जाने वाले आरके चौधरी को टिकट नहीं दी तो उन्होंने आरजेडी का दामन थाम लिया, और आरजेडी ने उन्हें बहादुरपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया.


इस संबंध में बात करते हुए आरके चौधरी ने कहा कि मैंने जिस लोजपा को जी जान से आगे बढ़ाया, लोजपा सुप्रीमो राम विलास पासवान, रामचंद्र पासवान के साथ कदम से कदम मिला कर चला, घर के हर सुख-दुख में साथ रहा. उसी लोजपा ने मुझे रामविलास पासवान की मौत के बाद टिकट न देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया. जबकि चिराग दूसरे दलों के लोगों को बुला-बुलाकर टिकट दे रहे हैं.


उन्होंने कहा कि भोला यादव जी ने इसबात को समझा और मुझे तेजस्वी यादव जी से मिलाया, जिन्होंने मेरी कद्र समझी और मुझे बहादुरपुर से राजद का उम्मीदवार बनाने का काम किया. अब मेरे द्वारा हायाघाट में किया गया काम भोला यादव जी के काम आएगा और बहादुरपुर में भोला यादव जी का किया काम मेरे काम आएगा. बता दें कि 2015 के चुनाव में आरके चौधरी ने हायाघाट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.