बिहार चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने बेहद खराब प्रदर्शन किया. पार्टी ने 61 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ 6 सीटों पर ही जीत दर्ज की. चुनाव से पहले राहुल गांधी ने करीब 25 जिलों में अपनी वोटर अधिकार यात्रा निकाली. इस यात्रा के जरिए महागठबंधन की जमीन को मजबूत करना था, लेकिन राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा के जरिए बिहार में अपना जादू नहीं बिखेर पाए. 

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पार्टी को इस यात्रा से कोई फायदा होता हुआ नहीं दिखा. राहुल गांधी ने वोट चोरी के खिलाफ यात्रा निकाली. चुनाव के नतीजे आने के बाद सीधे तौर पर पार्टी को कहीं फायदा नहीं हुआ. इन नतीजों में एनडीए ने बाजी मारते हुए 202 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं महागठबंधन के खाते में 35 और अन्य को 6 सीटें मिली. 

इन जिलों में राहुल ने की वोटर अधिकार यात्रा

राहुल गांधी ने नवादा, बरबीघा, गया, वजीरगंज में वोटर अधिकार यात्रा की. यहां की सभी सीटों पर एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की. इस रूट पर भी राहुल गांधी की यात्रा का कोई असर नहीं दिखाई दिया. इसके अलावा राहुल ने कटिहार, पूर्णिया, मुंगेर,  जमुई और शेखपुरा में यात्रा की. इन जिलों की सीटों पर एनडीए ने सारी सीटों पर जीत हासिल की. 

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राहुल गांधी सुपौल, मधुबनी और अररिया पहुंचे थे, यहां ,सिर्फ अररिया की सीट कांग्रेस के खाते में गई है. इस सीट पर जेडीयू से शगुफ्ता अजीम मैदान में थी. अन्य दो सीटों पर बीजेपी ने बाजी मारी. राहुल गांधी की यात्रा वाले रूट पर एनडीए को जबरदस्त बढ़त मिली है. 

वोटर अधिकार यात्रा वाले रूट पर किसे हुआ फायदा?

वोटर अधिकार यात्रा वाले 25 जिलों में बीजेपी ने 18 सीटों पर चुनाव पर लड़ा, जिसमें सभी सीटों पर जीत हासिल 100 फीसदी स्ट्राइक रेट रहा. वहीं 2020 में बीजेपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से सिर्फ 73. 7 फीसदी सीटों पर जीत पाई थी. इस चुनाव में वोटर अधिकार यात्रा वाले रूट पर जेडीयू ने 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 87.5 प्रतिशत सीटों पर जी दर्ज की. पिछले चुनाव में 9 सीटों पर चुनाव लड़कर 55.6 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की थी.

चिराग पासवान की पार्टी ने इस चुनाव में यात्रा के रूट पर सिर्फ 1 सीट पर चुनाव लड़ा और 100 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ जीत हासिल की. पिछले चुनाव में चिराग की पार्टी से किसी भी उम्मीदवार को नहीं उतारा गया था. 

दूसरी ओर बात करें महागठबंधन की तो आरजेडी ने इस रूट पर 14 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी सीटों पर हार का मूंह देखा. पिछली बार के चुनाव में 15 सीटों में से 40 फीसदी सीट जीती थीं. कांग्रेस ने वोटर अधिकार यात्रा के रूट पर 16 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. इसमें से कांग्रेस सिर्फ 6.2 फीसदी सीटों पर ही जीत पाई है, जबकि पिछले चुनाव में 15 सीटों पर चुनाव लड़कर 33.3 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ जीत हासिल की थी. वहीं यहां पर लेफ्ट की ओर से 1 सीट पर चुनाव लड़ा गया, जिसमें हार का सामना करना पड़ा.

बिहार में भारत जोड़ो यात्रा का कितना रहा असर?

बिहार में भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने सात निर्वाचन क्षेत्रों को कवर किया था, जिनमें से कांग्रेस ने तीन सीटें जीतीं और उसके सहयोगियों ने दो सीटें जीती हैं.