पटना: केके पाठक (KK Pathak) के हाथ में कमान आने के बाद बिहार का शिक्षा विभाग इन दिनों सख्त है. लगातार अलग-अलग तरह के नियम भी जारी किए जा रहे हैं. इस बीच बड़ी खबर ये भी है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) कार्यालय नहीं जा रहे हैं. इसको लेकर शनिवार (29 जुलाई) को बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का बड़ा बयान आया है.


सुशील मोदी ने कहा कि राज्य में महिलाओं से बर्बरता की घटनाएं बढ रही हैं, बिजली मांगने पर गोली चलाई जा रही है, शिक्षक की नौकरी मांगने पर लाठीचार्ज किया जाता है, मंत्री पुलिस ज्यादती को जायज ठहराते हैं, शिक्षा विभाग प्रशासनिक अराजकता झेल रहा है और शिक्षा मंत्री 22 दिनों से कार्यालय नहीं आ रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने सारे मुद्दों पर चुप्पी साध ली है.


'शिक्षा मंत्री को हटाकर प्रिय अधिकारी को सौंप दें जिम्मेदारी'


सीएम नीतीश कुमार पर हमला करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री यदि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को नहीं हटा सकते तो शिक्षा मंत्री को ही हटाकर विभाग की जिम्मेदारी अपने प्रिय अधिकारी को सौंप दें. उन्होंने यह भी कहा कि आरजेडी और जेडीयू के सांसदों को मणिपुर से पहले बेगूसराय और कटिहार जाना चाहिए था.


कटिहार गोलीकांड पर पुलिस की थ्योरी पर भड़के


आगे सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कटिहार गोलीकांड की न्यायिक जांच कराई जाए. मृतकों के परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए और राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. कटिहार गोलीकांड के बाद पुलिस लगातार बयान बदल रही है. पहले कहा कि किसी की मौत नहीं हुई, फिर दो लोगों के मरने की बात स्वीकार की, लेकिन अब हमेशा की तरह कहा जा रहा है कि मौतें भीड़ में से किसी के गोली चलाने से हुई. पुलिस ने जो वीडियो जारी किया है, वह फर्जी हो सकता है. उसमें भी किसी व्यक्ति के हथियार चलाने की बात स्पष्ट नहीं है. ऐसे मामले का सच न्यायिक जांच से ही सामने आएगा.


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