सरकारी विद्यालयों में छात्रहित और पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों के अनावश्यक अवकाश लेने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के उद्देश्य से बांका के डीईओ देवनारायण पंडित ने कमर कस ली है. एक ही दिन एक साथ विद्यालय के कई शिक्षकों के अवकाश लेने पर विराम लगाने को लेकर डीईओ ने जिले के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और प्रधान शिक्षकों को अवकाश से संबंधित सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
डीईओ के हस्ताक्षर से पांच दिसंबर को आदेश जारी हुआ जिसका पत्र सोमवार (08 दिसंबर, 2025) को सामने आया. उन्होंने अपने कार्यालय आदेश पत्र के हवाले से कहा है कि हाल के दिनों में विद्यालयों के निरीक्षणों में पाया गया है कि कई स्कूलों में एक दिन में आधे से अधिक शिक्षकों को आकस्मिक अवकाश दे दिया जा रहा है, जिससे विद्यालय में बच्चों के पठन-पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. उन्होंने छात्रहित एवं पाठ्यक्रम पूर्ण करने के उद्देश्य से और बगैर किसी ठोस कारण के अवकाश लेने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के उद्देश्य से विशेष अवकाश एवं आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने को लेकर आदेश जारी किए हैं.
आदेश में क्या कुछ लिखा गया?
1) प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक द्वारा एक दिन में अधिकतम एक शिक्षक, मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा एक दिन में अधिकतम 10 प्रतिशत शिक्षकों का विशेष अवकाश या आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया जाएगा.
2) यदि विशेष परिस्थिति में कंडिका 1 में वर्णित सीमा से अधिक शिक्षकों को विशेष अवकाश या आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने की आवश्यकता है, तो प्रधान शिक्षक या प्रधानाध्यापक द्वारा नियंत्री पदाधिकारी से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत ही आकस्मिक अवकाश या विशेष अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा.
3) सामान्य परिस्थिति में बिना अवकाश स्वीकृत कराए बिहार सेवा संहिता में यथानिर्धारित किसी भी अवकाश में प्रस्थान नहीं किया जाएगा. विशेष आकस्मिक परिस्थितियों में सक्षम प्राधिकार को व्यक्तिगत दूरभाष एवं व्हाट्सएप पर आकस्मिकता से अवगत कराकर ही अवकाश पर प्रस्थान किया जाएगा. स्वीकृति के लिए कम से कम एक दिन पूर्व आवेदन देना होगा.
4) किसी प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक द्वारा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) शिक्षा विभाग, बांका के पूर्व अनुमोदन के उपरांत ही क्षतिपूर्ति अवकाश स्वीकृत किया जाएगा.
5) विशेष आकस्मिक अवकाश प्रत्येक माह में दो लगातार दिनों के लिए एक ही बार मान्य होगा.
6) विशेष आकस्मिक अवकाश की छुट्टी, सार्वजनिक अवकाश, आकस्मिक अवकाश एवं रविवार को मिलाकर लगातार 12 दिनों तक एक साथ प्रदान किया जा सकेगा. (स्थानीय निकाय के शिक्षकों को लगातार 10 दिनों तक एक साथ अवकाश प्रदान किया जा सकता है.)
7) किसी कैलेंडर वर्ष में शिक्षकों को अधिकतम 16 दिनों का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है. कार्यरत वर्ष के दौरान में नियुक्त शिक्षकों को आकस्मिक अवकाश उस वर्ष जितने महीने वह नियोजित रहा हो, उनकी संख्या के अनुपात में देय होगा. (प्रत्येक माह के लिए 1.33 दिन का आकस्मिक अवकाश)
8) प्रधान शिक्षक या प्रधानाध्यापकों द्वारा आकस्मिक अवकाश पंजी का संधारण किए जाने के निर्देश के साथ-साथ प्रत्येक शिक्षकों के लिए अलग-अलग आकस्मिक अवकाश के लेखा का संधारण किया जाएगा.
9) विशेष आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति को आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति पर प्राथमिकता दी जाएगी.
10) आकस्मिक अवकाश को विश्रामावकाश (ग्रीष्मकालीन एवं अन्य लंबी अवधि के अवकाश यथा दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ पूजा आदि) के साथ मिलाकर प्रदान नहीं किया जा सकता है.
डीईओ ने आदेश में स्पष्ट कहा है कि विद्यालयों में अनावश्यक अवकाश की प्रवृत्ति रोकने और शिक्षण कार्य को निर्बाध रूप से संचालित करने के लिए यह व्यवस्था अनिवार्य है. आदेश में चेतावनी भी दी गई है कि उल्लंघन की स्थिति में संबंधित प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें- Bihar Teacher Salary: नीतीश सरकार ने दी शिक्षकों को बड़ी खुशखबरी, अब हर महीने इस तारीख को मिलेगा वेतन