बिहार के शिक्षकों के हित में नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. उन्हें अब समय पर वेतन मिलेगा. इसके लिए तारीख तय कर दी गई है. अब हर माह की पहली तारीख को वेतन मिल जाएगा. शिक्षा विभाग ने सोमवार (08 दिसंबर, 2025) को इससे संबंधित मानक संचालन प्रणाली (एसओपी) जारी किया.

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डीईओ और डीपीओ को भेजा गया पत्र

विभाग ने स्पष्ट किया कि राज्यकोष से वेतन पाने वाले संस्कृत एवं मदरसा शिक्षकों तथा रात्रि प्रहरियों को भी एक तारीख को ही वेतन का भुगतान किया जाएगा. प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) और जिला कार्यक्रम अधिकारियों (डीपीओ) को पत्र भेजा है.

एसओपी के अनुसार पुराने वेतनमान वाले नियमित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए हर माह 20 से 25 तारीख तक प्रखंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों की अनुपस्थिति विवरणी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को सौंपेंगे. जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्थापना) 25 तारीख तक वेतन विपत्र तैयार कर 26 तारीख को कोषागार में प्रस्तुत करेंगे. कोषागार अधिकारी इसे 30 तारीख तक स्वीकृत करेंगे और एक तारीख को शिक्षकों के खाते में वेतन राशि भेज दी जाएगी.

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शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार राज्यकोष से वेतन प्राप्त करने वाले नियोजित शिक्षकों के लिए भी यही प्रक्रिया लागू होगी. उनके वेतन विपत्र 25 तारीख तक तैयार होकर 26 तारीख को कोषागार भेजे जाएंगे, जिन्हें 30 तारीख तक स्वीकृति मिलेगी. जिला शिक्षा कार्यालय 26 से 29 तारीख के बीच बैंक को भेजे जाने वाला परामर्श तैयार करेगा, जिसे 30 तारीख तक बैंक को भेज दिया जाएगा. पहली तारीख को शिक्षकों के खाते में वेतन राशि पहुंच जाएगी.

नई एसओपी से पारदर्शी होगी वेतन भुगतान प्रक्रिया

समग्र शिक्षा के कोष से वेतन पाने वाले नियोजित शिक्षकों और नियमित वेतनमान वाले स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए 20 से 22 तारीख तक अनुपस्थिति विवरणी जमा होगी. 25 से 28 तारीख के बीच 'बैंक एडवाइस' तैयार कर 29 तारीख तक बैंक को भेजा जाएगा. एक तारीख को उनके खाते में वेतन जमा होगा. राज्यकोष से वेतन प्राप्त करने वाले अल्पसंख्यक, मदरसा और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. रात्रि प्रहरियों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया भी इसी तर्ज पर होगी. शिक्षा विभाग का मानना है कि नई एसओपी से वेतन भुगतान प्रक्रिया अधिक समयबद्ध और पारदर्शी होगी.

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