Bihar Kisan Irrigation Grant: भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार किया जाता है. सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होते हुए भी भारतीय किसानों की स्थिति दयनीय है. अगस्त 2018 में ही राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने ‘नफीस’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक (जिसके आंकड़े जनवरी से जून 2017 के बीच इकठ्ठा किए गए थे) भारत में वर्ष 2017 में एक किसान परिवार की कुल मासिक आय 8931 रुपये थी. भारत में किसान परिवार में औसत सदस्य सख्या 4.9 है, यानी प्रति सदस्य आय 61 रुपये प्रतिदिन है.

वहीं किसानों की मासिक आय राज्यों के अनुसार देखते हैं तो हमें भारी असमानता नजर आती है. नफीस रिपोर्ट के मुताबिक देश में किसानों की सबसे कम मासिक आय मध्य प्रदेश (7919 रुपये), बिहार (7175 रुपये), आंध्र प्रदेश (6920 रुपये), झारखंड (6991 रुपये), ओडिशा (7731 रुपये), त्रिपुरा (7592 रुपये), उत्तर प्रदेश (6668 रुपये) और पश्चिम बंगाल (7756 रुपये) है. जबकि तुलनात्मक रूप से किसानों की ऊंची औसत मासिक आय पंजाब (23 हजार 133 रुपये), हरियाणा (18 हजार 496 रुपये) में दर्ज की गई. ऐसे में बिहार सरकार की तरफ से शुरू की गयी डीजल अनुदान योजना को एक सकारात्मक पहल के रूप में देख सकते हैं. 

बिहार सरकार के मुताबिक राज्य में करीब 1 करोड़ 16 लाख रजिस्टर्ड किसान हैं. जहां इन किसानों के लिये बिहार सरकार डीजल अनुदान योजना के तहत 200 करोड़ रूपये की धनराशी आवंटित करती है. इस योजना के तहत किसानों को तीन फसलों के लिए अलग-अलग फसलों के मुताबिक सिंचाई के लिए अनुदान दिया जायेगा. इस अनुदान से डीज़ल पम्प सेट से खेतों में खरीफ की फसल की सिंचाई करने वाले किसानों को योजना का लाभ प्राप्त होगा. 

इस योजना के तहत पहले कृषि कार्य के लिए प्रति यूनिट बिजली दर 96 पैसे थी, जिसे राज्य सरकार ने घटाकर 75 पैसा कर दिया. सरकार किसानों को प्रति लीटर 50 रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को सिंचाई में समस्या न हो.

फसलों के अनुसार यह होगी अनुदान राशि

  • धान की चार सिंचाई पर प्रति एकड़ के हिसाब से 400 रूपये डीजल सब्सिडी के रूप मे दिए जायेंगे.
  • गेहूं की 3 सिंचाई के लिए अधिकतम 1200 रूपये प्रति एकड़ से अनुदान दिया जायेगा.
  • दलहन, तिलहनी, मौसमी सब्ज़ी और सुगंधित पौधों के लिए 2 सिंचाई के लिए अधिकतम 800 रूपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जायेगा.

डीजल अनुदान योजना के तहत इन दस्तावेजों की होगी जरुरत

  • आवेदक बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए.
  • आवेदक का आधार कार्ड
  • पहचान पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक जो आधार से लिंक हो
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • किसान कृषि प्रमाण पत्र या कृषि भूमि से संबंधित डाक्यूमेंट्स
  • डीजल विक्रेता की रसीद

 

बिहार डीजल अनुदान योजन के तहत यह है पात्रता

  • बिहार डीज़ल अनुदान योजना के लिए आवेदनकर्ता बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए.
  • साथ ही आवेदक मूल रूप से किसान होना चाहिए.
  • आवेदक का अपने नाम से किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में अपना खाता होना चाहिए, जो किसान के आधार कार्ड से लिंक हो.
  • आवेदक के पास कम से कम एक एकड़ कृषि भूमि होनी चाहिए.

 

बिहार डीजल अनुदान योजना ऑनलाइन ऐसे करें आवेदन

  • इस योजन का लाभ लेने के लिए किसानों को सबसे पहले बिहार कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट dbtagriculture.bihar.gov.in पर जायें.
  • इसके होम पेज पर आपको "ऑनलाइन आवेदन करें" का विकल्प दिखाई देगा. उस पर क्लिक करें.
  • इसके बाद बिहार डीजल अनुदान योजना 2022 के ऑप्शन में क्लिक करें.
  • next page में आवेदक की स्क्रीन में रजिस्ट्रेशन फॉर्म प्राप्त होगा. इस फॉर्म में आवेदक को अनुदान का प्रकार और रजिस्ट्रेशन करें और ऑप्शन को सेलेक्ट करके सर्च के ऑप्शन में क्लिक करें.
  • अगर आवेदक पोर्टल में रजिस्टर्ड नहीं है तो वह किसान रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
  • इसके बाद आवेदक की स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन के संबंध में दिशा निर्देश प्राप्त होंगे.
  • आवेदक को पंजीकरण करने के लिए अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया है. जैसे स्वयं ,बटाईदार और स्वयं+बटाईदार.
  • स्वयं की स्थिति में आवेदक को अपना थाना नंबर, खाता नंबर खसरा नंबर कुल सिंचित रकबा और अपने आस पास के दो किसानों के नाम और डीजल रसीद को अपलोड करना होगा.
  • बटाईदार में आवेदक किसान को खाता नंबर खसरा नंबर कुल सिंचित रकबा थाना नंबर और अपने आस पास के किसानो के नाम और उनके जरिये सत्यापित दस्तावेजों और डीजल रसीद को अपलोड करना होगा.
  • स्वयं+बटाईदार में किसान को स्वयं के लिए खाता नंबर, खसरा नंबर, थाना नंबर, खेत चारों तरफ स्थित खेत किसानों के मालिक का नाम और बटाईदार के लिए खसरा नंबर कुल रकबा किसानो के नाम साथ ही उनके जरिये सत्यापित दस्तावेज डीजल रसीद के साथ अपलोड करना होगा.
  • इस प्रकार आवेदक किसान रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा कर पाएंगे.

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