Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाला है और जेडीयू ने आरजेडी को घेरने के लिए एक नया प्लान बनाया है. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू अब आरजेडी से महिला सशक्तीकरण को लेकर रोज पांच सवाल करेगी. इसकी शुरुआत मंगलवार (01 अप्रैल, 2025) को कर दी गई. जेडीयू ने पहले दिन महिला शिक्षा से जुड़े पांच प्रश्न आरजेडी से किए और विश्वास जताया कि विपक्ष इसका जवाब पार्टी अवश्य देगी.

जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी की प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि बिहार में 1990 से 2005 तक के आरजेडी के शासनकाल में महिलाओं के अधिकारों की बात तो दूर की बात थी, उनकी आवाज को भी बेरहमी के साथ कुचल दिया जाता था. इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर आरजेडी से रोज पांच सवाल पूछे जाएंगे.

पहले दिन जेडीयू ने किए ये सवाल

अंजुम आरा ने पूछा कि आरजेडी के शासनकाल में महिला सशक्तीकरण और समानता को लेकर संविधान ने महिलाओं को जो अधिकार दिए हैं, उसके लिए क्या किया गया? उन्होंने पहला सवाल पूछा कि जब 2006 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री साइकिल योजना और पोशाक योजना की शुरुआत की थी, तब लड़कियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई. आरजेडी के शासनकाल में ऐसी कोई पहल क्यों नहीं की गई थी?

जेडीयू प्रवक्ता ने आगे पूछा कि बिहार में बेटियों के हायर एजुकेशन को लेकर कॉलेज की संख्या बढ़ाने, छात्राओं के लिए छात्रावास और अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए आरजेडी सरकार की क्या भूमिका थी? लड़कियों को इंटर या स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक सहायता देकर उच्च शिक्षा के लिए राजद के शासनकाल में विचार क्यों नहीं किया गया?

एक अन्य सवाल में पूछा,"आरजेडी के शासनकाल में 1990 से 2005 तक महिलाओं को सिविल सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने या प्रोत्साहित करने के लिए कोई योजना क्यों नहीं चलाई गई? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी योजनाओं की शुरुआत कर ऐसे विचारों को ही ध्वस्त कर दिया."

पांचवें और अंतिम सवाल में कहा कि आरजेडी के शासनकाल में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई योजना क्यों नहीं बनाई गई? उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि आरजेडी इन सारे प्रश्नों का जवाब अवश्य देगी. इस तरह का मिशन शुरू कर जेडीयू की ओर से कहीं न कहीं तेजस्वी यादव की टेंशन बढ़ा दी गई है.

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