पटना में जदयू के कुछ कार्यकर्ताओं ने रविवार (28 दिसंबर) को 12 घंटे की भूख हड़ताल की. यह भूख हड़ताल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को पार्टी में आधिकारिक रूप से शामिल करने की मांग को लेकर की गई. यह प्रदर्शन पटना के गर्दनीबाग इलाके में हुआ, जहां कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी.
भूख हड़ताल पर बैठे कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे निशांत कुमार को राजनीति में देखना चाहते हैं और मानते हैं कि उनका पार्टी में आना जदयू के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. जदयू नेता मुकुंद कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि निशांत कुमार पढ़े-लिखे हैं और उनमें नेतृत्व करने की क्षमता है. उनके अनुसार, अगर निशांत राजनीति में आते हैं तो वे भविष्य में पार्टी की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं.
निशांत कुमार को पार्टी में शामिल करने के लिए एकजुट हुए कार्यकर्ता
मुकुंद कुमार ने यह भी कहा कि यह भूख हड़ताल केवल 12 घंटे की थी, लेकिन अगर मांग पूरी नहीं हुई तो आगे भी ऐसे आंदोलन किए जाएंगे. उन्होंने साफ कहा कि कार्यकर्ता अपने नेता नीतीश कुमार से अपील कर रहे हैं कि वे अपने बेटे को राजनीति में आने के लिए प्रेरित करें.
निशांत कुमार को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं कार्यकर्ता- अजय कुमार
जदयू के नेता अजय कुमार सिंह ने भी निशांत कुमार के समर्थन में बयान दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता निशांत कुमार को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अंतिम फैसला नीतीश कुमार और निशांत कुमार को ही लेना है.
निशांत के समर्थन में चला हस्ताक्षर अभियान
अजय कुमार सिंह के अनुसार, निशांत कुमार के समर्थन में पार्टी कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया है. उनका मानना है कि आने वाले समय में निशांत कुमार बिहार की राजनीति में एक बड़ा चेहरा बन सकते हैं और मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाल सकते हैं. बता दें कि पिछले कुछ समय से निशांत कुमार के राजनीति में आने को लेकर लगातार चर्चाएं चल रही हैं. इस भूख हड़ताल के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है.
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