पटना : कोरोना वैक्सिन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का बड़ा बयान. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने भागलपुर सर्किट हाउस में आज इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार प्रत्येक देशवासियों को बिना किसी परेशानी के कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो सके इसके लिए संकल्पित है. इसे ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न पहलुओं पर काम भी किया जा रहा है. बैठकों का सिलसिला लगातार जारी है. प्रधानमंत्री जी स्वयं तमाम बिंदुओं पर समीक्षा कर रहे हैं.



कोरोना वैक्सिन का थर्ड फेज ट्रायल शुरु



केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि हाल ही में कोरोना वैक्सीन की मौजूदा स्थिति और वितरण पर प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. इसमें वितरण की विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा हुई. कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री ने बारीकियों से सभी बिंदुओं की समीक्षा की है यह सिलसिला जारी है. हाल ही में उन्होंने अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे स्थित कंपनियों का भ्रमण कर स्थिति से अवगत हुए हैं. इस कार्य में जुटे वैज्ञानिकों डॉक्टरों से बातचीत भी की है. प्रत्येक देश वासियों तक सहूलियत से वैक्सीन पहुंच सके इसके लिए बैठक और समीक्षा लगातार की जा रही है. तमाम राज्यों से भी सुझाव मांगे गए हैं. नीति आयोग ने भी अपना प्रेजेंटेशन दिया है.स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने कहा कि भारत में सफलतापूर्वक कई बीमारियों का टीकाकरण हुआ है. स्वास्थ्य मंत्रालय के पास टीकाकरण कार्यक्रम का पहले से हीं एक अच्छा अनुभव रहा है. वैक्सीन ट्रायल का थर्ड फेज कई जगह शुरू हो गया है.अब पटना एम्स में भी शुरू होने वाला है. अभी तक के परिणाम सकारात्मक है. जल्द से जल्द वैक्सीन उपलब्ध हो इसके लिए वॉर लेबल पर काम हो रहा है,



किसानों बिल के विरोध पर मंत्री ने कही ये बातें



केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि किसानों के नाम पर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं .कांग्रेस, राजद और अन्य विपक्षी दलों ने वर्षों तक किसान भाइयों को ठगने का काम किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दृढ़ इच्छाशक्ति संकल्प शक्ति की वजह से आज देश में नए कृषि सुधार कानून बने है. 21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं, खुलकर खेती करेगा. पहले हमारे किसानों का बाजार सिर्फ स्थानीय मंडी तक सीमित था, उनके खरीदार सीमित थे, बुनियादी ढांचे की कमी थी और मूल्यों में पारदर्शिता नहीं थी। इस कारण उन्हें अधिक परिवहन लागत, लंबी कतारों, नीलामी में देरी और स्थानीय माफिया की मार झेलनी पड़ती थी। अब उन्हें राष्ट्रीय बाजार में अवसर मिलने के साथ-साथ बिचौलियों से सही मायनों में मुक्ति मिल रही है.किसानों का‘एक देश-एक बाजार’का सपना भी पूरा हो रहा है, तो कांग्रेस व विपक्षी दलों के पेट में दर्द हो रहा है। दशकों तक किसानों को कानून की जंजीरों में जकड़कर रखने वाले लोग, आज किसानों को मिली आजादी से बेचैन होकर उनके नाम पर देश में राजनीति कर रहे हैं. ऐतिहासिक कृषि सुधार कानूनों से देश के किसान खुश भी हैं और प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद भी कर रहे हैं.