Prashant Kishor News: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है. मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में नीतीश कुमार को अनफिट बताया. मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग की. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार को अपने विधायकों-मंत्रियों का नाम नहीं पता. कौन अधिकारी कहां है, बिहार में क्या मुद्दा चल रहा है, यह उनको नहीं पता है. 

प्रशांत किशोर ने कहा कि राष्ट्रगान होता है तो नीतीश कुमार को पता नहीं चलता है. किसी की श्रद्धांजलि सभा में जाते हैं तो दूसरे आदमी के गले में माला डाल देते हैं. शोक सभा में ताली बजाते हैं. उन्होंने कहा, "मुझे यह बताया जा रहा है कि नीतीश से उनके विधायक-मंत्री मिलने जाते हैं तो नीतीश उनको पहचानते नहीं हैं. बिहार की 13 करोड़ जनता के वह कस्टोडियन हैं. उनके भरोसे बिहार को नहीं छोड़ा जा सकता है." 

बीजेपी कर रही भारी गलती: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने बातचीत के क्रम में कहा कि नीतीश कुमार की मानसिक हालत, शारीरिक हालत क्या है, यह पीएम मोदी और अमित शाह को पता है. बीजेपी भारी गलती कर रही है. बस नीतीश को मुखौटा बनाकर आगामी बिहार चुनाव बीजेपी लड़ना चाहती है. नीतीश को चेहरा बनाकर एनडीए को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. ये गलत हो रहा है. बिहार के साथ बहुत बड़ा धोखा है.

प्रशांत किशोर ने कहा कि सिपाही बनाने के लिए मेडिकल जांच से गुजरना पड़ता जबकि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हुए हैं. उन्होंने दावा किया, "नीतीश सिर्फ कैमरे पर अपने मंत्रियों का नाम बता दें. हम मान जाएंगे तो वह स्वस्थ हैं. न सरकारी कार्यक्रम में संबोधन होता है न मीडिया से बात करते हैं."

पीके ने बिहार के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े किए. कहा, "कानून-व्यवस्था चरमरा रही है. एक के बाद एक बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं. कानून-व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सकती क्योंकि नीतीश मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हैं. वह कुछ करने की स्थिति में हैं ही नहीं. प्रशासनिक महकमा शराबबंदी के नाम पर उगाही में लगा हुआ है."

तेजस्वी की सीएम उम्मीदवारी पर दी प्रतिक्रिया

प्रशांत किशोर ने कहा कि आरजेडी महागठबंधन का सबसे बड़ा दल है. इतनी हिम्मत नहीं कांग्रेस में कि लालू को कह दे कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं मानेंगे. कांग्रेस और वामदल महागठबंधन में आरजेडी की पिछलग्गू पार्टी है. कांग्रेस को आरजेडी 30 से 40 सीट देगी. तेजस्वी को मुख्यमंत्री कैंडिडेट कांग्रेस और वामदल को मानना ही पड़ेगा. 

आगे उन्होंने कहा कि बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव है. बिहार को नया मुख्यमंत्री मिलेगा. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. अब जनता किसको चुनती है यह समय बताएगा. हम सभी 243 सीटों पर अकेले लड़ेंगे. ना चुनाव से पहले गठबंधन ना चुनाव के बाद किसी से गठबंधन करेंगे. बिहार की 60 फीसदी जनता बिहार में बदलाव चाहती है. 

दूसरी ओर इस सवाल पर कि चिराग पासवान के बारे में कुछ लोग कह रहे हैं कि बिहार की सियासत में आ रहे हैं. इस पर कहा, "मैं तो जानता हूं चिराग की राजनीति बिहार से ही है. वह केंद्रीय मंत्री हैं. केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा देकर बिहार की राजनीति में वह आते हैं तब यह माना जाएगा कि बिहार की सियासत कर रहे हैं." 

पीके ने कहा कि बिहार में कास्ट सेंसस, दलितों की जमीन और भूमि सर्वेक्षण का मुद्दा सबसे अहम है. बिहार सरकार से इन मुद्दें से संबंधित सवाल पूछा हूं. जवाब नहीं दिया गया तो 11 जुलाई को एक करोड़ लोगों का हस्ताक्षर लेकर राज्यपाल और सीएम से मिलेंगे. विधानसभा का भी घेराव करेंगे. कल (23 अप्रैल) से बिहार में "उद्घोष यात्रा'' पर फिर निकलेंगे. जिन जिलों में यात्रा नहीं की उन जिलों के लोगों ने आने के लिए निमंत्रण दिया है. ये यात्रा 15 मई तक चलेगी. इसके बाद 20 मई से 'बिहार बदलाव यात्रा' पर निकलूंगा.

पीएम मोदी के 24 अप्रैल को बिहार में होने वाले कार्यक्रम को लेकर कहा कि गरीब जनता के पैसे से चुनावी शंखनाद हो रहा है. 2015 में पीएम मोदी ने एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज देने की घोषणा की थी. पीएम मोदी से मेरा सवाल है कि क्या पैसे उन्होंने बिहार में भेजे? अगर भेजा तो क्या बिहार सरकार ने उसका भ्रष्टाचार कर दिया? क्योंकि सरकारी योजनाओं में पैसा खर्च नहीं हुआ.

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