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भारतीय जनता पार्टी मौके-बे-मौके परिवारवाद का जिक्र कर विपक्ष पर जुबानी और सियासी हमले करती है. अब बिहार चुनाव में उसकी सूची में 71 में से 11 नाम ऐसे हैं जिनका रिश्ता किसी न किसी तरह से राजनीतिक शख्सियत से रहा है.

यानी अभी तक घोषित किए गए कुल टिकट में से 15 फीसदी प्रत्याशियों के परिजन सियासत में हैं या रह चुके हैं. यहां पढ़ें उन लोगों की लिस्ट जिन्हें बीजेपी ने टिकट दिया और उनके परिजन या तो सियासत में थे या हैं.

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राघवेंद्र प्रताप सिंह - बरहरा से विधायक

इसी सीट से बीजेपी का टिकट मिला.

पिता - अंबिका शरण सिंह, आरा मुफ्फसिल (1952-1967) और बरहरा (1967-1969, 1977) से पाँच बार विधायक; उप वित्त मंत्री (1963-1967, 1971-1974)

नीतीश मिश्रा - झंझारपुर से विधायक

इसी सीट से बीजेपी का टिकट मिला.

पिता - डॉ. जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के मुख्यमंत्री (दिसंबर 1989-मार्च 1990); चाचा - ललित नारायण मिश्रा, कई कैबिनेट पदों पर रहे

अरुण कुमार सिंह - बरुराज से विधायक

इसी सीट से बीजेपी का टिकट मिला.

पिता - बृज किशोर सिंह, बरुराज से विधायक (2010-2015); दादा - युमना सिंह, बिहार विधायक (1980)

नितिन नवीन - बांकीपुर से विधायक

इसी सीट से बीजेपी टिकट मिला.

पिता - स्वर्गीय नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा, 1990 और 2000 के दशक के शुरुआती वर्षों में बिहार विधानसभा में पटना पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे.

संजीव चौरसिया - दीघा से विधायक

इसी सीट से बीजेपी टिकट मिला.

पिता: गंगा प्रसाद चौरसिया, पूर्व बीजेपी विधायक - 1994 से 2012 तक और सिक्किम के राज्यपाल

राणा रणधीर - मधुबन से विधायक

इसी सीट से बीजेपी टिकट मिला.

पिता - सीताराम सिंह, मधुबन से विधायक (1985-2004), बिहार के मंत्री और शिवहर से सांसद (2004)

देवेश कांत सिंह - गोरियाकोठी से विधायक

इसी सीट से बीजेपी टिकट सीट मिला.

पिता - भूमेंद्र नारायण सिंह, गोरियाकोठी से दो बार विधायक (2005-2010); दादा - कृष्णकांत सिंह, विधायक (1967-1977)

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निशा सिंह - प्राणपुर से बीजेपी विधायक

इसी सीट से बीजेपी का टिकट मिला.

पति - विनोद कुमार सिंह, प्राणपुर से विधायक (2000, 2010, 2015) और अक्टूबर 2020 तक बिहार के मंत्री

गायत्री देवी - परिहार से विधायक

इसी सीट से बीजेपी का टिकट मिला.

ससुर: राम नरेश प्रसाद यादव - वे परिहार विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक थे, 2010 में निर्वाचित हुए.

सुजीत कुमार सिंह - गौरा बौराम से पहली बार बीजेपी का टिकट मिला.. वे पूर्व आयकर आयुक्त थे.

पत्नी - स्वर्णा सिंह, गौरा बौराम से विधायक (2020 में वीआईपी के टिकट पर चुनीं गईं. बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं.)

पिता - सुनील कुमार सिंह - वरिष्ठ बीजेपी नेता और दरभंगा से विधायक, 2010, 2015 और 202 सहित कई बार निर्वाचित.

श्रेयसी सिंह - जमुई से विधायक

इसी सीट से बीजेपी का टिकट मिला.

पिता - दिग्विजय सिंह - पूर्व केंद्रीय मंत्री (1990-2004), बांका से सांसद (1991, 1998, 1999, 2004, 2009). माता - पुतुल कुमारी - 2010 में बांका से बीजेपी सांसद (उपचुनाव).