बिहार की सियासत में इन दिनों एक नया समीकरण बनने की चर्चा जोरों पर है. राजद (RJD) ने पशुपति कुमार पारस को अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) का विलय करने का ऑफर दिया है. इसके जवाब में पारस ने रविवार (12 अक्टूबर) को दोपहर 11 बजे पटना में अपनी पार्टी की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

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बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि RLJP राजद में विलय करे या आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने दम पर मैदान में उतरे. यह भी तय होना है कि अगर गठबंधन में रहे तो सीटों का बंटवारा किस आधार पर होगा.

8 सीटों पर अड़ी है पारस की पार्टी

सूत्रों के मुताबिक, पशुपति पारस ने राजद से कुल 8 विधानसभा सीटों की मांग की है. वहीं, तेजस्वी यादव 2 सीट से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं. इसी को लेकर दोनों दलों में खींचतान जारी है.

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पारस चाहते हैं कि उनकी पार्टी को सम्मानजनक हिस्सेदारी मिले ताकि उनकी राजनीतिक साख बनी रहे. उन्होंने साफ कहा है कि बिना उचित सीटों के वे किसी समझौते के मूड में नहीं हैं.

सूरजभान और परिवार के लिए सीटों की डिमांड

बताया जा रहा है कि पारस ने दो सीट बाहुबली नेता और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के लिए मांगी हैं लखीसराय और मोकामा. वहीं, दो सीट अपने परिवार के लिए अलौली और राजापाकर मांग रहे हैं. इन दोनों सीटों पर वे अपने बेटे यशराज और भतीजे प्रिंस राज पासवान को चुनावी मैदान में उतारना चाहते हैं.

राजद की ओर से संकेत मिला है कि पार्टी विलय पर तो तैयार है, लेकिन सीटों का फार्मूला तय करना आसान नहीं होगा. तेजस्वी यादव गठबंधन के भीतर संतुलन बिगाड़ने के मूड में नहीं हैं, इसलिए वे पारस को सिर्फ दो सीटों की पेशकश कर रहे हैं.

RLJP की कल की बैठक में यह साफ हो जाएगा कि पारस राजद में विलय की राह अपनाएंगे या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का एलान करेंगे. अगर विलय होता है, तो यह बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा. क्योंकि इससे लोक जनशक्ति परिवार की दो ध्रुवीय राजनीति (चिराग पासवान और पारस गुट) पर नया असर पड़ेगा.