Prashant Kishor: बिहार में इस साल (2025) अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई हैं. जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर जेपी की राह पर चलते नजर आ रहे हैं. वे छात्रों की बदौलत अपनी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं. इसी बीच आज (07 फरवरी) प्रशांत किशोर बड़े युवा समागम का आयोजन करने जा रहे हैं. 

बिहार में बीपीएससी अभियर्थियों का मुद्दा भले ही ठंडे बस्ते में चला गया हो लेकिन प्रशांत किशोर छात्रों की मुहिम को धार देने में लगे हुए हैं. वे सत्याग्रह मुहिम में युवा समागम करने जा रहे हैं. इस समागम का आयोजन बिहार सत्याग्रह आश्रम में किया जा रहा है. प्रशांत किशोर ने इस समागम में हजारों की संख्या में युवाओं के जुड़ने का दावा किया है. 

क्या प्रशांत किशोर को छात्रों के सहारे मिलेगी मजबूती?

प्रशांत किशोर समझते हैं कि बिहार की सत्ता में खुद को स्थापित करने के लिए छात्रों पर पकड़ होना जरूरी है. भले ही प्रशांत किशोर 70वीं बीपीएससी परीक्षा पर पहले आमरण अनशन पर बैठे तो कोई फल नहीं मिला, लेकिन अब छात्र समागम करके छात्रों की मुहिम को आगे ले जाने के साथ वे अपनी जमीनी पैठ को भी मजबूत करने में लग गए हैं. इस युवा समागम का असर कितना व्यापक होगा यह तो आने वाला वक्त तय करेगा लेकिन प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में खुद को मजबूती से खड़ा रखने के लिए अब छात्रों को जोड़ने में लग गए हैं.

15 दिनों तक किया था आमरण अनशन

इससे पहले BPSC की 70वीं पीटी परीक्षा को दोबारा कराने की मांग को लेकर प्रशांत किशोर ने 15 दिनों तक आमरण अनशन किया था. 2 जनवरी को उन्होंने पटना के गांधी मैदान से अपना आमरण अनशन शुरू किया था. इसके बाद 6 जनवरी की सुबह 4 बजे के करीब प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इसी दिन उन्हें कोर्ट से बिना शर्त जमानत भी मिल गई थी. इसके बाद भी उन्होंने अपना आमरण अनशन जारी रखा और 16 जनवरी को उन्होंने गंगा में नहाकर अपना आमरण अनशन तोड़ा था. हालांकि प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनका सत्याग्रह जारी रहेगा.

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