केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विपक्ष की 'वोटर अधिकार यात्रा' पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इस यात्रा से विपक्ष को लाभ तो बिल्कुल नहीं मिला, बल्कि भारी नुकसान हुआ है. मांझी का आरोप है कि इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ अपशब्द कहे गए, लेकिन विपक्ष की तरफ से इस पर कोई खेद तक नहीं जताया गया.
मांझी ने कहा कि “अधिकार यात्रा नाम रखकर तो लोग चल दिए, लेकिन इतना घृणित काम कर गए जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी. प्रधानमंत्री और उनकी मां को गाली दी गई. कम से कम इस पर माफी मांगनी चाहिए थी, लेकिन नहीं मांगी. ऐसे में बिहार की जनता इतनी असंवेदनहीन नहीं है कि ऐसे लोगों को माफ कर दे.”
उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे विवाद के कारण जनता ने विपक्ष के असली चेहरे को पहचान लिया है. इसलिए अब इस यात्रा से विपक्ष को नुकसान ही झेलना पड़ेगा.
मांझी ने सवाल उठाया कि विपक्ष की इस मतदाता अधिकार यात्रा का मकसद ही क्या है. उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि चुनाव आयोग मतदाता सूची का गलत तरीके से पुनरीक्षण कर रहा है और "वोट चोरी" हो रही है.
मांझी ने इस पर तीखा पलटवार करते हुए कहा, “चोरी शब्द ही असंवैधानिक है. ये लोग संविधान की किताब लेकर घूमते हैं, लेकिन संविधान के खिलाफ बयान देते हैं. जब ये जीतते हैं तो चुनाव आयोग ठीक होता है और जब हार जाते हैं तो बोलते हैं कि वोट चोरी हो गई. आखिर इसका मतलब क्या है?”
मरे हुए लोगों का नाम लिस्ट में क्यों- जीतन राम मांझी
चुनाव आयोग की कार्रवाई का समर्थन करते हुए मांझी ने कहा कि मतदाता सूची से मृत लोगों के नाम हटाना बिल्कुल जरूरी है. उन्होंने कहा, “अगर कोई मर गया है तो उसका नाम वोटर लिस्ट में रहना चाहिए क्या? अगर रहना चाहिए तो फिर हम इनकी सोच को सलाम करते हैं. लेकिन सच्चाई यही है कि यह पूरी तरह गलत है. चुनाव आयोग जो शुद्धिकरण कर रहा है, वह बिल्कुल सही है.”
उन्होंने दावा किया कि कुछ जगहों पर ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां एक व्यक्ति का नाम कई जगह दर्ज है. “अभी कुछ दिन पहले देखा कि पाकिस्तान की महिलाओं के नाम दो जगह वोटर लिस्ट में दर्ज थे. ऐसे में सुधार क्यों नहीं होना चाहिए?”
'लालू राज में बने थे बोगस वोटर'
मांझी ने अपने बयान में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लालू राज में बड़ी संख्या में बोगस वोटर बनाए गए थे, खासकर सीमांचल इलाके में.
उन्होंने कहा, “बाहर से आए लोगों ने जमीन और मकान हड़प लिए, बागवानी बना ली, बड़े-बड़े रिसॉर्ट खड़े कर दिए और फिर वोटर लिस्ट में शामिल होकर भारत का नागरिक बन गए. यही लोग चुनावों को प्रभावित करते रहे. ऐसे में अब चुनाव आयोग अगर सफाई कर रहा है तो उसमें गलत क्या है?”
मांझी ने साफ कहा कि चुनाव आयोग का काम सराहनीय है. “मतदाता सूची से कचरे को निकालना ही चाहिए. जब फर्जी नाम हट रहे हैं तो ये लोग अधिकार छीने जाने की बात क्यों कर रहे हैं? असल में ये लोग बेवजह का शोर मचा रहे हैं.”
विपक्ष में आपसी लड़ाई भी आई सामने- जीतन राम मांझी
मांझी ने विपक्ष के अंदरूनी मतभेदों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं के बीच तालमेल की कमी साफ दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा, “अभी हाल ही में कहा गया कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री होंगे. लेकिन राहुल जी ने यह नहीं कहा कि तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री होंगे. इससे साफ है कि अंदरखाने में ही झगड़ा है. ऐसे में इनकी अधिकार यात्रा किस काम की?”