बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आगामी विधानसभा चुनाव को अपनी पार्टी के लिए 'करो या मरो' की लड़ाई करार दिया है. पार्टी गठन के दस साल बाद भी मान्यता प्राप्त दर्जा न मिलने से नाराज मांझी ने साफ कहा है कि इस बार उनकी पूरी ताकत चुनावी रण में झोंकी जाएगी.
मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि किसी भी दल को मान्यता प्राप्त पार्टी बनने के लिए दो विकल्प रहते हैं. पहला, विधानसभा में कम से कम आठ सीटें जीतना और दूसरा, कुल मतों का छह प्रतिशत वोट हासिल करना. उन्होंने कहा कि हम पार्टी भी अब इसी लक्ष्य की ओर बढ़ रही है और इसके लिए दो संभावित रास्ते तय किए गए हैं.
मांझी ने कहा कि पहला रास्ता है एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनकर कम से कम 15 सीटों पर चुनाव लड़ना और उनमें से 50 प्रतिशत से अधिक सीटें जीतना है. साथ ही दूसरा रास्ता है राज्य की 50 से 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारना और प्रत्येक क्षेत्र में औसतन 10 हजार से अधिक वोट हासिल करना है.
मांझी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्साह को बनाए रखने के लिए उन्होंने हाल में सभी 243 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की बात कही थी, लेकिन यह सिर्फ मनोबल बढ़ाने का संदेश था, न कि व्यावहारिक रणनीति है.
रणनीति पर अंतिम फैसला पार्टी के हाथ- जीतन राम मांझी
उन्होंने कहा कि यदि पार्टी नेतृत्व उन्हें रणनीतिक फैसले लेने के लिए अधिकृत करता है तो वह चुनावी समीकरण को देखते हुए जरूरी कदम उठाएंगे. मांझी ने यह भी याद दिलाया कि 2015 में उन्होंने तब अपनी पार्टी बनाई थी जब उन्हें नीतीश कुमार की वापसी के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा था.
परिवार की सक्रिय भूमिका के बाद भी गैर-मान्यता दल
गौरतलब है कि मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन इस समय हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं. वहीं, उनकी पत्नी दीपा और सास ज्योति देवी राज्य विधानसभा की सदस्य हैं. इसके बावजूद पार्टी अब तक गैर-मान्यता प्राप्त दल की श्रेणी में है.
मान्यता न मिलना अपमानजनक
मांझी ने कहा कि पार्टी गठन को एक दशक पूरा हो गया, लेकिन आज भी हम पंजीकृत दल तो हैं, पर मान्यता प्राप्त का दर्जा नहीं मिला. यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी और पार्टी के लिए भी अपमानजनक है. इसलिए इस बार विधानसभा चुनाव हमारे लिए करो या मरो की लड़ाई है.
उन्होंने आगे कहा कि बिहार की राजनीति में हम पार्टी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और जनता को यह दिखाने का काम करेगी कि वह राज्य की राजनीतिक धारा में एक निर्णायक शक्ति बन सकती है.