आरा: बिहार में बच्चा चुराकर बेचने वाले एक गैंग का खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. बच्चा चोरी की वजह आपको हैरान कर देगी. बीते रविवार (10 मार्च) को एसडीपीओ राजीव चंद्र ने इस संबंध में जानकारी दी. साथ ही पुलिस ने जगदीशपुर नगर पंचायत से गायब चार साल की बच्ची अर्पिता और बिहिया से एक साल पहले चोरी हुए तीन साल के बच्चे अंकुश कुमार को बरामद भी किया है. 


आर्थिक स्थिति ठीक नहीं तो करने लगे बच्चा चोरी


गिरफ्तार किए गए लोगों में जगदीशपुर मीट मार्केट वार्ड 16 निवासी पूजा देवी, जगदीशपुर थाना के जगा के पीपल वार्ड 16 निवासी पुनम देवी, शाहपुर के बरीसवन गांव निवासी पंचरतन देवी, जगा के पीपल निवासी शिवधारी गोड़ और अजय केसरी शामिल हैं. गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण पैसा कमाने के लालच में बच्चा चुराने का ये लोग काम करते थे. गैंग की मास्टर माइंड पूजा है. पूछताछ में बताया कि मासूम बच्चों को बहलाकर उन्हें अगवा करते थे. इसके बाद उन बच्चों को निःसंतान लोगों को अपना बच्चा बताकर और गरीब होने का हवाला देकर उनसे लाखों रुपये में बेच देते थे.


कैसे हुआ खुलासा?


पूरा मामला जगदीशपुर थाना क्षेत्र के जगा के पीपल वार्ड नंबर 15 का है. 6 मार्च को घर के बाहर खेल रही अंतिम पांडेय उर्फ विष्णु की चार वर्षीय बेटी अर्पिता उर्फ पुसी अचानक गायब हो गई थी. खोजने के बाद भी कहीं पता नहीं चला. सात मार्च को जगदीशपुर थाने में बच्ची की गुमशुदगी का केस दर्ज कराया गया. इसके बाद जगदीशपुर डीएसपी राजीव चंद्र ने इसे गंभीरता से लिया. टीम बनाई और आसपास के दर्जनों सीसीटीवी कैमरों को खंगाला.


सीसीटीवी में एक महिला बच्ची को लेकर जाते हुए दिखी. महिला की पहचान की गई तो पता चला कि वह पास के मोहल्ले के रहने वाले सुरेंद्र यादव की पत्नी पूजा देवी है. पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. पूछताछ की गई तो महिला ने बताया कि उसी ने बच्ची को चुराया है. चुराकर शाहपुर थाना के बरिसवन गांव की रहने वाली पंचरत्न देवी को दिया है. इसके बाद गैंग का खुलासा हुआ. पुलिस बरिसवन गांव पहुंची लेकिन उसके पहले ही पंचरत्न देवी पुलिस के दबाव में बच्ची को लेकर खुद थाने आ गई.


वहीं आरोपित महिला पंचरत्न देवी से पुलिस ने जब पूछताछ की तो उसने बताया कि वो और जगदीशपुर की पूजा दोनों मिलकर बच्चा चोरी का काम करती हैं. उसे वो उन लोगों के हाथों बेचती हैं जिन्हें बच्चा नहीं है. हम लोग अपनी गरीबी का हवाला देकर कहते हैं कि हमारी पांच बेटियां हैं और वो बेटी का भार उठाने में सक्षम नहीं हैं. बड़ी बेटी की शादी करनी है. आपके पास तो बच्चा है नहीं आप मेरी बेटी को अपना लीजिए. बदले में डेढ़ लाख रुपया दे दीजिए. 


जगदीशपुर एसडीपीओ राजीव चंद्र ने बताया कि छह मार्च की शाम अचानक घर के बाहर खेलते हुए एक बच्ची गायब हो गई. इस घटना को गंभीरता से लिया गया था. महज 48 घंटे के अंदर बच्ची को बरामद कर लिया गया. गिरोह में शामिल तीन महिला समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस फिलहाल इस पूरे गैंग में जुड़े अन्य लोगों का भी पता लगाने में जुटी हुई है.


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