गोपालगंज: बिहार के कई जिलों में इन दिनों हवा जहरीली हो गई है. बुधवार को गोपालगंज शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 260 तक पहुंच गया. नवंबर में तीसरी बार ऐसा हुआ जब प्रदूषण का स्तर खराब स्थिति में पहुंचा है. इसके पहले पिछले सप्ताह एक्यूआई 292 तक पहुंच चुका था. पहले सप्ताह की बात करें तो उस समय 296 तक एक्यूआई पहुंचा था. प्रदूषण बढ़ने का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है.


बुधवार को एक्यूआइ 260 तक पहुंचते ही लोग चिंता में डूब गए. सबसे ज्यादा उन्हें परेशानी है जो सांस के रोगी हैं. लोग सुबह टहलने के लिए भी नहीं निकल रहे हैं. बच्चे और महिलाएं मास्क लगाकर बाहर निकल रहीं हैं. डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने भी बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जाहिर की है. डीएम ने कहा कि प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए आम लोगों को भी आगे आना होगा. जिन लोगों के जरिए प्रदूषण फैलाई जा रही है, उनपर जिला प्रशासन कार्रवाई कर रहा है.


डीएम ने गंभीरता से लिया


शहर में एमएच-27 पर एलिवेटेड कॉरिडोर बन रहा है. निर्माण एजेंसी द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण को लेकर डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने गंभीरता से लिया है. डीएम ने एनएचएआई के परियोजना निदेशक दरभंगा व बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से बात कर प्रदूषण को खत्म कराने की पहल की है. डीएम ने कहा कि लगातार खतरनाक जोन में प्रदूषण की स्थिति बनी है. निर्माण एजेंसी नियमों का उल्लंघन कर रही है. धूल न उड़े, इसके लिए हाइवे पर पानी तक नहीं डाला जा रहा.


कौन कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रदूषित?


अगर सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाकों की बात करें तो शहर में बंजारी मोहल्ला, जादोपुर रोड, सरेया मोहल्ला, ब्लॉक कॉलोनी, हजियापुर, कैथवलिया, अरार मोहल्ले की स्थिति खराब है. इन इलाकों में प्रदूषण की मुख्य वजह एनएचएआई द्वारा एनएच-27 के निर्माण कराने में प्रदूषण बोर्ड के नियमों की अनदेखी करनी है. दूसरी वजह नगर परिषद की ओर से कूड़ा-कचरा को सड़कों के किनारे डंप कर जलाना है.


यह भी पढ़ें- Bihar News: भारतीय जनता पार्टी को लगा बड़ा झटका, BJP के कई नेताओं ने छोड़ा साथ, आरजेडी में हुए शामिल