दरभंगा: दरभंगा के बड़ा बाजार स्थित अलंकार ज्वेलर्स में बुधवार को हुए डकैती कांड में दूसरा दिन भी पुलिस की पड़ताल में ही निकल गयी. गुरुवार की शाम तक इस कांड में पुलिस के हाथ कोई ठोस रिजल्ट नहीं लगा न तो अपराधियों की सही तरीके से पहचान हो पाई और न ही दिनदहाड़े हुए इस वारदात में शामिल एक भी अपराधी गिरफ्तार किया गया. पटना से एसटीएफ और सीआईडी की टीम घटना की जांच करने पहुंची. दरभंगा आईजी अजिताभ कुमार के नेतृत्व में कई एजेंसियों की टीमें जांच में जुटी है. कल (गुरुवार) सीआईडी के डीआईजी रत्न मणि संजीव भी इस कांड की जांच के लिए दरभंगा पहुंचे. इस घटना के बाद शहर के स्वर्णकार संघ में दहसत बरकरार है.

जांच के लिए पहुंचे सीआईडी के डीआईजी ने कही ये बातें

घटना की जांच करने पहुंचे सीआईडी के डीआईजी रत्न मणि संजीव ने कहा कि इस बड़े लूट कांड की जांच कई एजेंसियां एक साथ मिलकर कर रही हैं और टीम अपराधियों के काफी करीब पहुंच चुकी है. इस बड़ी वारदात का खुलासा कभी भी हो सकता है बशर्ते कि जो अपराधी इस कांड में संलिप्त हैं वे पकड़ में आ जाएं. डीआईजी ने यह भी कहा कि इस घटना में काफी दिनों से दुकान की रेकी की जा रही थी. अपराध का लाइनर कोई करीबी व्यक्ति रहा होगा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. इस घटना में बाहर का कोई गिरोह शामिल होगा इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

पिड़ित दुकानदार की व्यथा

इस लूट कांड के बाद पीड़ित दुकानदार सुनील कुमार लाठ ने कहा कि पुलिस की कई टीमें मामले की जांच कर रही हैं और पुलिस को उम्मीद है कि अगले 36 घंटों के भीतर इस मामले का खुलासा हो जाएगा. फिलहाल हम व्यवसायी खौफ में जी रहे हैं और जल्द हीं बैठक कर इस बात की समीक्षा करेंगे कि आगे किस तरह की सुरक्षा चाहिए. सुनील लाठ से यह पूछने पर कि लूट में कितने की संपत्ति गई है तो उनका कहना था कि इसका अभी आकलन नहीं हो पाया है.

जिला स्वर्ण व्यवसायी संघ के सचिव ने कही ये बात

जिला स्वर्ण व्यवसायी संघ के सचिव शत्रुघ्न प्रसाद स्वर्णकार ने इस लूट कांड के बारे में कहा कि लूट की इस बड़ी घटना के बाद हम व्यवसायी दहशत में हैं बड़ा बाजार जैसे व्यस्त जगह पर अगर लूट की इतनी बड़ी वारदात हो सकती है तो आम लोग कितने सुरक्षित हैं, ये समझा जा सकता है. अब प्रशासन से अपनी सुरक्षा के लिए हम व्यवसायी बंदूक के लाइसेंस की मांग करेंगे. शत्रुघन ने यह भी कहा कि 2 साल पहले लहेरियासराय के एक व्यवसायी से लूट हुई थी, जिसका अब तक खुलासा नहीं हो पाया है.अब 14 दिसंबर को हम लोग बैठक कर निर्णय लेंगे कि आगे इस घटना का विरोध कैसे करना है, फिलहाल हम लोग अपनी दुकान खोलने में भी डर रहे हैं कि दुकान खोलते ही कहीं फिर से कोई वारदात न हो जाए.