बिहार में ओवरलोड गाड़ियों खासकर ऑटो जैसे छोटे वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अगर ऑटो, बस जैसे किसी गाड़ी से ओवरलोडिंग की वजह से दुर्घटना होती है, तो मालिक के अलावा ड्राइवर समेत अन्य के खिलाफ बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 105 समेत अन्य सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. इस धारा में न्यूनतम 10 वर्ष के कारावास का प्रावधान है. यह जानकारी एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.
एडीजी ने हाल के महीनों में हुई बड़े ऑटो हादसों का जिक्र करते हुए कहा कि 23 फरवरी को मसौढ़ी में हुए ऑटो हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी. इसी तरह 29 मई को डुमरिया में 4, 31 जुलाई को आदर्श नगर में 3 और 23 अगस्त को दनियावां से आगे शाहजहांपुर के पास ऑटो हादसे में 9 महिलाओं की मौत हो गई थी. ये सभी हादसे ओवरलोडिंग के कारण हुई है.
ओवरलोड गाड़ियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
इन मामलों की जांच करके बीएनएस की धारा 105 के तहत मामला दर्ज करके सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा जहानाबाद में कुछ दिन पहले स्कूल बस में छेद से गिरकर बच्चे की मौत होने का मामला सामने आया है, इस मामले में भी सख्त धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. इन मामलों में सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
नाबालिग के गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर होगा एक्शन
एडीजी ने कहा, ''शहरों खासकर पटना में ऑटो के कारण जाम की समस्या होती है. सभी चौक-चौराहों के 50 मीटर आगे या पीछे ही ऑटो को खड़ा करने का सख्त निर्देश दिया गया है. अगर ऑटो, टुकटुक समेत अन्य कोई वाहन चलाते हुए कहीं भी नाबालिग पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ भी बीएनएस की सख्त धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.
माल ढोने वाली गाड़ियों में लोगों के बैठाने पर मनाही
किसी मालवाहक ऑटो या अन्य वाहनों पर व्यक्ति को ढोने पर पूरी तरह से मनाही है. ई-रिक्शा पर स्कूली बच्चों के परिवहन को पहले से ही प्रतिबंधित कर दिया गया है. ऐसे सभी मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ओवरलोडेड गाड़ियों पर न बैठने की अपील
उन्होंने आगे कहा, ''अभी ऑटो वालों को समझाया जा रहा है. इसके बाद भी वह नहीं मानते हैं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. आम लोगों से भी अपील करते हुए कहा ओवरलोडेड वाहनों पर बैठने से परहेज करें और गलत गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ आवाज उठाएं. ताकि इस तरह की परिपाटी को समाज में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. स्कूलों में भी ट्रैफिक नियमों की जानकारी देनी चाहिए.''