पटना : देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर जदयू का आज (रविवार) मंथन चल रही है. इस मंथन से पहले पार्टी में एक बड़ा निर्णय लिया गया है. अरुणाचल प्रदेश में हुई टूट के बाद जेडीयू में यह बड़ा फैसला लिया गया है. सीएम नीतीश कुमार ने स्वयं राष्ट्रीय कार्यकारिणी में संगठन महासचिव रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसे सर्वसम्मति से मान लिया गया है और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को मनोनित कर दिया गया है. नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह वर्तमान में राज्यसभा संसदीय दल के नेता भी हैं.उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर रह चुके हैं आरसीपी सिंह.
बताते चलें कि बिहार चुनाव में राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने टिकट बंटवारे से लेकर बूथ मैनेजमेंट जैसी अहम जिम्मेदारी निभाई थी. आरसीपी सिंह के पास बतौर नौकरशाह लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है और उन्हें जदयू का जमीनी नेता माना जाता है.
कौन हैं आरसीपी सिंह
मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के मुस्तफापुर में 6 जुलाई 1958 को जन्में आरसीपी सिंह स्वर्गीय श्री सुखदेव नारायण सिंह ऐर स्वर्गीय श्रीमती दुख लालो देवी के पुत्र है. आरसीपी सिंह मुस्तफापुर टोला, अस्थावां, जिला नालंदा के स्थाई निवासी है. इनकी शादी 21 मई 1982 को श्रीमती गिरिजा सिंह से हुई थी. इनकी दो बेटियां हैं. आरसीपी सिंह की शुरुआती शिक्षा हाइस्कूल, हुसैनपुर, नालंदा और पटना साइंस कॉलेज से हुई है. बाद में जेएनयू में पढ़ने के लिए गये.
इनके जानने वाले बताते हैं कि राजनीति में शामिल होने से पहले आरसीपी सिंह कृषक थे. सिविल सेवा में आने के बाद वह 1986-88 उप-विभागीय अधिकारी / मजिस्ट्रेट, खलीलाबाद, उत्तर प्रदेश रहे. 1988-90 मुख्य विकास अधिकारी, कानपुर, उत्तर प्रदेश रहे. 1990-92 तक संयुक्त सचिव, नियुक्ति विभाग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार में रहे. उसके बाद 1993- 97 तक कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट रामपुर, बाराबंकी, हमीरपुर और फतेहपुर रहे.
आरसीपी सिंह जुलाई 1997-मार्च 1998 संचार मंत्री के निजी सचिव भी रहे. मार्च 1998-मई 2004 भूतल परिवहन मंत्री के निजी सचिव रहे. उसके बाद रेलवे मंत्री के जुलाई 2004-दिसंबर 2005 अतिरिक्त सचिव रहे. बाद में सीईओ, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, उत्तर प्रदेश रहे. दिसंबर, 2005 से मई 2010 बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे. जुलाई 2010 को उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया.
नीतीश के सबसे करीबी हैं आरसीपी सिंह
जानकारों की माने तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी हैं आरसीपी सिंह. मुख्यमंत्री से इनकी नजदिकीयां ऐसी है कि शायद ही ऐसा कोई फैसला हो, जो नीतीश कुमार ने बिना आरसीपी सिंह की सलाह के लेते हो. आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के मित्र, राजनीतिक रणनीतिकार और सियासी सलाहकार हैं.
सूत्रों की माने तो आरसीपी सिंह को मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया जायेगा. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि आरसीपी सिंह को रेल मंत्री सुरेश प्रभु के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बीते बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की थी. इसके बाद से ही आरसीपी सिंह को मंत्रिमंडल में रेल मंत्रालय मिलने की चर्चा जोरों पर है.
कहा ये भी जा रहा है कि आरसीपी सिंह को रेल मंत्रालय का अनुभव है. आरसीपी सिंह के रेल मंत्रालय मिलने से भाजपा और जेडीयू के संबंधों को मजबूती मिलने की बात कही जा रही है. आरसीपी सिंह नीतीश के रेल मंत्री और मुख्यमंत्री रहते हुए उनके साथ काम कर चुके हैं. सिंह के आईएएस से रिटायर होने के बाद जदयू ने दो बार उनका नाम राज्यसभा के लिए नोमिनेट किया था. आरसीपी के अलावा जेडीयू के पूर्णिया सांसद संतोष कुमार कुशवाहा को भी कोई मंत्री पद दिए जाने की चर्चा जोरों पर है.