औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद जिले के सदर प्रखंड के बभंडी गांव के पास स्थित प्लेस ऑफ सेफ्टी से शुक्रवार की रात दस बजे 18 बाल बंदी फरार हो गए. बाल बंदियों के फरार होने की सूचना के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. देर रात ही उनके खोजे जाने की कवायद शुरू हो गई. बाल बंदियों के फरार होने की सूचना के बाद शनिवार को जिला जज मनोज कुमार तिवारी, डीएम सौरभ जोरवाल और एसपी कांतेश कुमार मिश्रा सहित अन्य अधिकारी प्लेस ऑफ सेफ्टी पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी प्राप्त की. 

मेन गेट से भाग गए सभी

प्लेस ऑफ सेफ्टी के अधीक्षक विक्रमादित्य पाल ने कहा कि सुरक्षित स्थान में बच्चे केवल मुख्य द्वार के अंदर रहते हैं. बाकी गेट समय- समय पर खोला जाता है. रात्रि लगभग 10 बजे बच्चे मुख्य द्वार से धक्का देकर बाहर निकल गए. कुल 18 बच्चे कैम्पस के बाहर चले गए थे, जिन्हें उनके परिवार से संपर्क कर वापस लाया जा रहा है. 

इधर, जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया कि यह जानकारी प्राप्त हुई कि प्लेस ऑफ सेफ्टी में कैदियों को समय से भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था. इस मामले में प्लेस ऑफ सेफ्टी का प्रभार में रहे बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक की लापरवाही उजागर हुई है. ऐसे में कार्रवाई करते हुए बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक संतोष चौधरी को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह पर वरीय उप समाहर्ता सुजीत कुमार को तत्कालिक तौर पर सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई, औरंगाबाद का संपूर्ण प्रभार सौंपने का निर्देश दिया गया है. 

चार सदस्यीय जांच समिति का गठन

डीएम ने बताया कि पूरे मामले की जांच हेतु उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी विजयंत कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गौतम शरण ओमी और विधि शाखा प्रभारी शामिल हैं. समिति को 24 घंटे के अंदर पूरे मामले की जांच कर जांच प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया गया है.

जिलाधिकारी ने बताया कि समिति के जांच प्रतिवेदन समर्पित करने के उपरांत शेष कर्मियों पर भी विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी. सभी बंदियों के परिवार वाले संपर्क में हैं और उन्हें विशेष पुलिस बल द्वारा वापस लाया जा रहा है. फिलहाल प्लेस ऑफ सेफ्टी में डीएम और एसपी के निर्देश पर एसडीएम एवं एसडीपीओ कैम्प कर रहे हैं और सभी फरार हुए बंदियों के परिजनों के संपर्क में हैं. 

गौरतलब है कि शुक्रवार की सुबह बाल बंदियों ने देरी से खाना मिलने की शिकायत को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया था और इसको लेकर परिसर में काफी तोड़ फोड़ की थी. बाल बंदियों और सुरक्षा में तैनात कर्मियों के बीच हाथापाई हुई, जिसमें दो पुलिसकर्मी समेत तीन लोग घायल हो गए थे. इधर, मारपीट और हंगामा मामले में 33 बाल बंदियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है, जिसको लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

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