Patna News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद का दावेदार होने को लेकर अटकलों का दौर जारी है.इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर विपक्ष विचार करे तो नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के सशक्त दावेदार हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के पास 37 साल से अधिक का संसदीय और प्रशासनिक अनुभव है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की साख भी अच्छी है. 


तेजस्वी यादव ने क्या कहा है


तेजस्वी यादव ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में यह बात कही.बिहार में महागठबंधन सरकार की वापसी के साथ ही बीजेपी की ओर से 'जंगलराज'की वापसी के दावे के सवाल पर तेजस्वी ने इसे थका हुआ प्रवचन और 'भेड़िया आया-भेड़िया'आया का एक बेहतरीन उदाहरण बताया. उन्होंने कहा कि जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों का एकजुट होना और महागठबंधन सरकार का सत्ता में आना विपक्षी एकता के लिए शुभ संकेत है. 


तेजस्वी ने कहा,"यह इस बात का संकेत है कि अधिकांश विपक्षी दल देश के सामने बड़ी चुनौती को पहचानते हैं. इसमें बीजेपी का आधिपत्य भी शामिल है,वो पैसे, मीडिया और (प्रशासनिक) मशीनरी के दम पर भारतीय समाज और राजनीतिक से सभी तरह की विविधता को खत्म करने पर तुली हुई है. उन्होंने कहा यह क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व, सामाजिक न्याय और विकास का भी मामला है. 


तेजस्वी ने बीजेपी पर क्या आरोप लगाए


बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी की सहकारी संघवाद की सभी बातों के बाद भी उसकी कोशिश लगातार क्षेत्रीय विषमताओं को नजरअंदाज करने रही है. बिहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. लेकिन क्या हमें केंद्र से कुछ मिला है? बिल्कुल नहीं. 


तेजस्वी ने जोर देकर कहा कि क्षेत्रीय दलों और अन्य प्रगतिशील राजनीतिक गुटों को अपने संकीर्ण हितों और हानि से हटकर देखना होगा और गणतंत्र बचाना होगा.उन्होंने कहा कि अगर हमने अभी इसे नहीं रोका तो इसका पुननिर्माण बहुत मुश्किल हो जाएगा. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए सबसे उपयुक्त हैं और क्या वो विपक्ष के उम्मीदवार हो सकते है, तेजस्वी ने कहा,"मैं यह सवाल माननीय नीतीश जी पर छोड़ता हूं. मैं पूरे विपक्ष की ओर से बोलने का दावा नहीं कर सकता,हालांकि माना जाए तो नीतीश जी निश्चित रूप से एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं. 


नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर


उन्होंने कहा कि पिछले 50 सालों से वह एक सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता रहे है.उन्होंने जेपी और आरक्षण समर्थक आंदोलन में भाग लिया है. आरजेडी नेता ने कहा कि उनके पास ( नीतीश कुमार) के पास 37 साल से अधिक का विशाल संसदीय और प्रशासनिक अनुभव है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की जमीनी साख भी अच्छी है. 


बीजेपी के साथ संबंध तोड़ने के नीतीश कुमार के फैसले ने उनकी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को बल दिया है. वो बीजेपी के साथ 1996 से थे, 2013-2017 के बीच के समय को छोड़कर जब वो महागठबंधन का हिस्सा थे. 


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