पटना: अगुवानी-सुल्तानगंज पुल (Aguwani-Sultanganj Bridge) गिरने के मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna Highcourt) की ओर से बिहार सरकार (Bihar Government) द्वारा की गई अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है. इतना ही नहीं बल्कि हाईकोर्ट ने पुल बनाने वाली कंपनी एसपी सिंगला (SP Singla) के एमडी को कोर्ट में हाजिर होने का भी आदेश जारी किया है. एसपी सिंगला के एमडी को अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है.


21 जून को अब होगी अगली सुनवाई


दरअसल, गंगा नदी में अगुवानी-सुल्तानगंज पुल गिरने के बाद पटना हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बुधवार (14 जून) को पटना हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किया है. 21 जून को अब सुनवाई की अगली तारीख रखी गई है. पटना हाइकोर्ट में ललन कुमार की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी.


बता दें अगुवानी-सुल्तानगंज गंगा ब्रिज एक साल में दूसरी बार गिरा है. एसपी सिंगला कंपनी बिहार में पांच बड़े पुलों को बना रही है. भागलपुर में गंगा नदी में जो पुल गिरा है उसका करीब 250 मीटर हिस्सा पानी में समा गया था. पुल का शिलान्यास 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. पुल का निर्माण 2015 से चल रहा है.


इसकी लागत 1710.77 करोड़ रुपये है. पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है. एसपी सिंगला कंपनी को छह जून को बिहार के पथ निर्माण विभाग ने नोटिस निर्गत कर 15 दिन का समय दिया था कि जवाब दिया जाए कि उनकी कंपनी को काली सूची में क्यों न डाला जाए? पथ निर्माण विभाग की ओर से भी पुल हादसे की जांच की जा रही है. बता दें कि एसपी सिंगला कंपनी दोषी पाई गई तो पुल निर्माण के लिए सरकार की ओर से दिए गए करीब 600 करोड़ रुपये रिस्क एंड कॉस्ट आधार पर वसूले जाएंगे. 200 करोड़ की बैंक गारंटी भी जब्त होगी. ब्लैक लिस्टेड हुई तो बिहार सरकार के किसी टेंडर में वो शामिल नहीं हो पाएगी.


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