आरा: मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शोभी डुमरा गांव स्थित गरैया मठ के पास एक प्राइवेट कर्मचारी अभिषेक कुमार उर्फ अंगद यादव की चार फरवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतक अंगद यादव आरा नगर थाना के बाबू बाजार चरपुलवा का रहने वाला था. इस हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. हत्याकांड के इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक दोस्त तो एक शूटर है. मंगलवार (13 फरवरी) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसपी प्रमोद कुमार ने जानकारी दी.


वजह सामने आई कि पैसों के लेनदेन में ही एक दोस्त ने सुपारी देकर अंगद यादव की हत्या कराई है. इस हत्याकांड में शामिल दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दो फरार हैं. गिरफ्तार आरोपियों में शाहपुर थाना क्षेत्र के महरजा गांव निवासी विशाल सिंह और कृष्णागढ़ ओपी क्षेत्र के घाघर गांव निवासी पिकुल सिंह शामिल है. विशाल फिलहाल नवादा थाना क्षेत्र के कतीरा मोहल्ले में रहता था और दूसरा आरोपित जो शूटर है वह कृष्णागढ़ ओपी के घांघर गांव का रहने वाला पिकूल सिंह है. हत्या के लिए दो लाख रुपये में सुपारी दी गई थी. 50 हजार एडवांस दिए गए थे.


फोन कर घर से बुलाया था


इस मामले में भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि चार फरवरी की दोपहर अंगद यादव को फोन कर शोभी डुमरा गांव के पास बुलाया गया था. इसके बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अंगद के भाई हरेंद्र यादव के बयान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जांच के लिए आरा एएसपी परिचय कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी. इसके बाद टीम को सफलता मिली.


क्या है पूरा मामला?


पूछताछ में विशाल कुमार ने बताया कि उसने अंगद यादव से काफी पैसे लिए थे. अंगद बार-बार उससे पैसे मांग रहा था. इसी को लेकर उसने हत्या करने का प्लान बनाया था. दो लाख रुपये में शूटर को हायर किया था. एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपये उसने दिए थे.


कैसे हुई गिरफ्तारी?


मोबाइल में मिले वीडियो के जरिए पुलिस गोली मारने वालों तक पहुंची. एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि टीम ने हत्याकांड को लेकर तकनीकी जांच शुरू की. खासकर सीसीटीवी और मोबाइल की जांच की गई. मोबाइल से हत्या के समय का अंगद यादव का एक वीडियो मिला, जिसमें वह गोली मारने वालों का नाम बता रहा था. इसके अलावा बातचीत के कुछ रिकॉर्डिंग भी मिले. इस आधार पर हत्या में शामिल लोगों की पहचान कर ली गई. दो आरोपित अभी फरार चल रहे हैं. दोनों की गिरफ्तारी के बाद हथियार की जानकारी मिल सकेगी.


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