Matric Examination 2025: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक का रिजल्ट मंगलवार को जारी कर दिया है, जिसमें भोजपुर जिले के हाई स्कूल अगियांव बाजार के रंजन वर्मा टॉपर बने हैं. उन्हें 500 में 489 अंक मिले हैं. रंजन और रंजीत दो जुड़वा भाइयों ने एक साथ मैट्रिक की परीक्षा दी थी, जिसमें रंजीत को 479 अंक प्राप्त हुए हैं और रंजन ने 489 अंक यानी 97.80 अंक प्राप्त किए हैं. 489 अंक लाने वालों में बिहार के तीन छात्र छात्राएं शामिल हैं.

पिता शिवशंकर की 2023 में हो गई थी मृत्यु

रंजन ने इंग्लिश में 84, हिंदी में 97, संस्कृत में 98, गणित में 100, विज्ञान में 97, सोशल साइंस में 97 अंक प्राप्त किए हैं. रंजन के पिता स्वर्गीय शिवशंकर सिंह किसान थे, जिनकी मृत्यु 2023 में ब्रेन हेमरेज की वजह से हो गई थी. उसके बाद रंजन को पढ़ाई में थोड़ी समस्या हुई, लेकिन उसके बड़े पिता रामाशंकर सिंह ने रंजन का सारा पढ़ाई का खर्च उठाया और उसे आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद रंजन ने कड़ी मेहनत की बदौलत यह मुकाम हासिल किया.

रंजन ने बताया कि वह रोजाना कम से कम 8 से 10 घंटा पढ़ाई करता था. पढ़ाई की कोई लिमिट नहीं होती था. जब भी समय मिलता था. वह पढ़ाई ही करता था. वहीं रंजन आगे चलकर यूपीएससी की तैयारी करना चाहता है. रंजन ने बताया कि वो आगे चलकर आईएएस ऑफिसर बनना चाहता है.

रंजन ने कहा कि जब मैट्रिक में टॉप रैंक में शामिल हो गए हैं, तो यूपीएससी की तैयारी करके आईएएस बनना चाहेंगे. उसने यह पूरी तैयारी ऑनलाइन क्लास टारगेट बोर्ड से पढ़ाई की. वहीं उसका भाई भी मैट्रिक परीक्षा में पास किया है. रंजन ने बिहार टॉप तो रंजन के भाई रंजित वर्मा ने भी मैट्रिक में 477 अंक प्राप्त किया है.

वहीं रंजन की मां शिला देवी ने हमेशा रंजन पर विश्वास जताया और आज रंजन ने अपनी मां और अपने घर वालों का सपना पूरा किया. पास होने के बाद दोनों बेटों ने मां से आशीर्वाद लिया और मिठाइयां खिलाई. रंजन के रिजल्ट आने की खुशी मिलते ही रंजन को पूरे गांव के लोग बधाई देने पहुंचे हैं.

मां का सपना था उनका बेटा टॉप करे

वहीं रंजन के पिता स्वर्गीय शिवशंकर सिंह के स्वर्गवास होने के बाद शिला देवी हमेशा अपने दोनों बेटों को पढ़ाना चाहती थीं. चूड़ा मिल और खेती से घर परिवार चलता था, लेकिन रंजन के बड़े पिता रामाशंकर सिंह ने काफी मदद की. वहीं शिला देवी का कहना था कि दूसरे लड़कों को देखती थीं, तो लगता था मेरा लड़का भी टॉप करे. तो मेरे बेटे हमेशा बोलता थे घबराओ नहीं मां मैं भी टॉप करूंगा. इतना कहते ही शीला देवी रो पड़ी.

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