पटना: बिहार के पूर्व बाहुबली आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh) की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर याचिका पर आज सोमवार (8 मई) को सुनवाई होनी है. आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई के बाद से लगातार बिहार सरकार (Bihar Government) निशाने पर है. इस रिहाई से एक तरफ नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और लालू यादव (Lalu Yadav) की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया (G Krishnaiah) का परिवार भी इस रिहाई से खुश नहीं है.


जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. दायर की गई याचिका में फिर से आनंद मोहन को जेल भेजे जाने की मांग की है. इस याचिका को कोर्ट में स्वीकार कर लिया गया था. इस पर आज सुनवाई होनी है. याचिका से पहले उमा देवी ने सीधा कहा था कि आनंद मोहन की रिहाई इसलिए की गई है ताकि वोट मिल सके. नीतीश कुमार से भी अपील कर चुकीं हैं कि इस फैसले को रद्द किया जाए.



व्यक्तिगत रूप से नहीं की अपील: उमा देवी


एक इंटरव्यू के जरिए जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा था कि आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अपील नहीं की है बल्कि आईएएस अफसरों ने की है, लड़ाई वही लड़ रहे हैं. उमा देवी ने यह भी कहा है कि चीफ मिनिस्टर फील्ड में जाकर काम नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा निर्णय लेना चाहिए कि आईएएस और आईपीएस का मनोबल बढ़े.



27 अप्रैल को हुई थी आनंद मोहन की रिहाई


बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई 27 अप्रैल को हुई थी. सहरसा जेल में बंद थे. सुबह 6.15 में उनकी रिहाई हुई थी. हालांकि उन्हें कब जेल से बाहर भेज दिया गया यह किसी ने नहीं देखा था. जेल के बाहर समर्थक और मीडिया के पहुंचने के बाद जेल प्रशासन की ओर से कहा गया कि उन्हें 6.15 में रिहा कर दिया गया था.



तीन मई को थी बेटे की शादी


आनंद मोहन जेल से निकलने के बाद बिना किसी से मिले सीधे देहरादून चले गए थे. तीन मई को उनके बेटे चेतन आनंद की शादी थी. जेल से निकलने के बाद से सियासी गलियारे में बयानबाजी भी तेज है. अभी तक आनंद मोहन ने मीडिया से कोई बात नहीं की है. देहरादून में अपने बेटे की शादी में इंजॉय करते दिखे थे.


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