पटना: लोग अभी तक असम और दार्जिलिंग के चाय (Darjeeling Tea) की चुस्की ज्यादा लेते हैं, लेकिन कृषि विभाग ने दावा किया है कि जल्द ही बिहार में असम और दार्जिलिंग की तरह चाय की खेती होगी और बिहार पूरे देश में चाय (Tea) के मामले में परचम लहराएगा. कृषि मंत्री सर्वजीत (Agriculture Minister Sarvjeet) ने जानकारी देते हुए बताया कि आज हम लोगों ने चाय की खेती पर समीक्षा बैठक की. इसमें चौथा कृषि रोड मैप के तहत बिहार में चाय उत्पादन को बढ़ावा देने पर विचार विमर्श किया गया है. किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, सुपौल और कटिहार में कुछ-कुछ जगहों पर चाय की खेती की जा रही है. अब वहां चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए हम लोग प्रयासरत हैं.


बिहार सरकार करेगी चाय की ब्रांडिंग


कृषि मंत्री सर्वजीत ने कहा कि जल्द ही अपने अधिकारियों के साथ हम उन जिलों में जाएंगे और किसानों से बात करेंगे कि अच्छी अच्छी फसल के लिए क्या किया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा चाय उत्पादन बिहार में हो सके. किसानों को जो सुविधा मुहैया करानी होगी. वह सब हम लोग कराएंगे. उन्होंने कहा कि बिहार की चाय की ब्रांडिंग कृषि विभाग खुद करेगा. किसानों से चायपत्ती लेकर उसको बनाने और मार्केट में लाने तक की सारी जिम्मेवारी कृषि विभाग का होगा. हम लोग अभी तक असम और दार्जिलिंग के चाय की चुस्की लेते हैं, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब बहुत जल्द पूरे देश में बिहार की चाय की खुशबू मिलेगी और लोग बिहार के नाम की चाय पिएंगे.


गया में तिल की अच्छी पैदावार हुई है- कृषि मंत्री


कृषि मंत्री ने कहा कि चौथे कृषि रोड मैप की तैयारी हम लोग कर रहे हैं. हम लोगों ने गया से तिल की खेती की शुरुआत करवाया है. सबसे हैरत की बात है कि पूरे देश में गया का तिलकुट प्रसिद्ध है, लेकिन गया के किसान एक कट्ठा में भी तिल की खेती नहीं करते थे. इस बार से हमने किसानों को प्रोत्साहित किया और हमारे कृषि वैज्ञानिक जाकर किसानों को तिल की खेती के बारे में बताएं, जिससे किसानों ने तिल की खेती कर अच्छी पैदावार की है. प्रति क्विंटल 10 से 12 हजार का मुनाफा उन्हें हो रहा है और हमें उम्मीद है कि गया जिले में तिल की खेती बड़े स्तर पर होने शुरू हो जाएंगे और बिहार से बाहर तिल का निर्यात किया जाएगा. 


'जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हम लोग प्रयासरत हैं'


कृषि मंत्री सर्वजीत ने कहा हम लोग मोटे अनाज के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं. साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हम लोग हर संभव प्रयासरत हैं. किसानों को जो भी सुविधा हो या उपकरण की जरूरत हो, उसे तुरंत मुहैया कराने का हम लोग काम कर रहे हैं.


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