आरटीआई (सूचना का अधिकार) से यह खुलासा हुआ है कि बिहार और केंद्र सरकार के कई नेता वेतन और पेंशन दोनों ले रहे हैं. इसमें राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का भी नाम था जो पहले ही सफाई दे चुके हैं और अब बीजेपी के विधायक नीतीश मिश्रा ने अपनी बात रखी है. बुधवार (10 दिसंबर, 2025) को अपने एक्स हैंडल से उन्होंने पोस्ट किया. 

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नीतीश मिश्रा ने लिखा है, "हाल ही में विभिन्न मीडिया चैनल्स और सोशल मीडिया पर एक आरटीआई (RTI) के जवाब को आधार बनाकर यह सूचना प्रसारित की गई कि वर्तमान में मैं पूर्व विधायक का पेंशन प्राप्त कर रहा हूं. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह पूरी तरह भ्रामक और अधूरी जानकारी पर आधारित है."

उन्होंने कहा, "मैंने स्वयं इस मामले में वरीय कोषागार पदाधिकारी से विस्तृत जानकारी मांगी थी. उसके जवाब में 8 दिसंबर 2025 को प्राप्त पत्र में यह बात स्पष्ट रूप से दर्ज है कि मुझे पूर्व विधायक पेंशन 22 सितंबर 2015 से 8 नवंबर 2015 (मात्र डेढ़ माह) तक मिला जिसके बाद पेंशन भुगतान बंद कर दिया गया. उक्त अवधि में मैं विधायक नहीं था. इसके बाद किसी भी प्रकार की पेंशन राशि का भुगतान मुझे नहीं किया गया है."

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'वेतन-पेंशन एक साथ नहीं ले सकता कोई जनप्रतिनिधि'

बीजेपी विधायक ने कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि एक साथ वेतन और पेंशन ले ही नहीं सकता, यह पूरी तरह असंभव है. फिर भी विभिन्न मीडिया चैनल्स और सोशल मीडिया के माध्यम से बिना किसी तथ्यों की जानकारी लिए और बिना मेरा पक्ष जाने इस विषय में भ्रम फैलाया गया और मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया जो न सिर्फ प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है बल्कि किसी भी तरह न्यायोचित नहीं है.

नीतीश मिश्रा ने कहा, "मेरे लिए पारदर्शिता और सत्य हमेशा सर्वोपरि रहे हैं. किसी भी भ्रम या गलत सूचना की स्थिति में मैं स्वयं आगे आकर पूर्ण तथ्यों के साथ अपनी बात रखने में विश्वास करता हूं." एक्स पोस्ट में उनकी ओर से जो वरीय कोषागार पदाधिकारी से जानकारी मांगी गई थी उसका पत्र भी साझा किया गया है.

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