औरंगाबाद जिले की पुलिस ने एक बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए अंतर्राज्यीय रेल संपत्ति चोरों के कुख्यात 'टार्जन-रमेश गिरोह' का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गिरोह के सरगना समेत 15 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में बड़ा खुलासा भी हुआ है.
पुलिस के अनुसार, 23 अगस्त को बारुण थाना क्षेत्र के सोननगर टीएसएस से एक बड़ी चोरी हुई थी, जिसमें मेसर्स ब्लू स्टार कंपनी के बेस कैम्प से करीब 3.5 करोड़ रुपये की रेल संपत्ति की चोरी हुई थी. चोरी किए गए सामान में ट्रांसफॉर्मर का तेल, साइट प्लेट के नट और ट्रांसफॉर्मर के मूल्यवान पुर्जे शामिल थे. इस घटना के बाद कंपनी के एचआर मैनेजर ने बारूण थाना में शिकायत दर्ज कराई थी.
एसआईटी का किया गया था गठन
सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अंबरीष राहुल ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था. इस दल ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और डेहरी पुलिस की टीम के साथ मिलकर सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर गिरोह के सदस्य रमेश चौधरी को गिरफ्तार किया. रमेश चौधरी से पूछा गया तो उसने कुछ नहीं बताया, लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने पूरे मामले की जानकारी दी.
पहले भी दे चुके हैं ऐसी घटना को अंजाम
उसके बाद उसकी निशानदेही पर पुलिस ने सोननगर और आसपास के इलाके में छापेमारी कर गिरोह के अन्य 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि चोरी किए गए तारों को वे पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जिले में स्थित एक कबाड़ की दुकान में बेच देते थे. वहां से प्राप्त धन को गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते थे. इससे पहले भी इन लोगों ने इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दिया है.
पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर बारूण थाना लाया और उनसे पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपना अपराध स्वीकार किया और इनके पास से भारी मात्रा में चोरी का सामान बरामद किया है, जिसमें मुख्य रूप से कॉपर तार शामिल हैं. एसडीपीओ पांडेय ने यह भी कहा कि मामले की जांच अभी जारी है और इस गिरोह से जुड़े अन्य अपराधियों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा.
यह भी पढ़ें- बिहार: चालक सिपाही भर्ती की परीक्षा के लिए दूसरे राज्यों से भी आए अभ्यर्थी, बोले- पेपर लीक न हो…