मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल शहर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever) की पुष्टि होने के बाद जिले समेत रक्सौल अनुमंडल के आलाधिकारी अलर्ट मोड पर हैं. पशुपालन विभाग के द्वारा सूअरों को मारने का आदेश दिया गया है. अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि के बाद एक किमी परिधि को इंफेक्टेड जोन घोषित करते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है. रक्सौल का वार्ड नंबर-7 अफ्रीकन स्वाइन फीवर का केंद्र बिंदु है. बीमार सूअरों को चिह्नित कर मारा जाएगा और इसके साथ मुआवजा भी दिया जाएगा.


जिला पशुपालन पदाधिकारी प्रवीण कुमार के निर्देश पर रक्सौल के प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी विकास चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम बनाई गई है जो जो प्रभावित क्षेत्रों में सूअरों के पालन, रहने वाले स्थान को चिह्नित करने और उनकी गणना में जुटी हुई है. रक्सौल के कार्यपालक दंडाधिकारी सह नगर परिषद के कार्यवाहक कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में सूअरों को दफनाने के लिए सुरक्षित स्थल के चयन को लेकर कमेटी बनाई गई है.


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जांच के लिए बाहर भेजा गया था सैंपल


मृत सूअरों के सैंपल को जांच के लिए भोपाल और कोलकाता भेजा गया था. इसके बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिजीज (भोपाल) ने जांच के बाद अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सैंपल टेस्ट में सूअरों के पूरे रक्त, हार्ट, लीवर, फेफड़ा, किडनी और आंत में स्वाइन फीवर पॉजिटिव पाया गया है. इधर, जांच रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन, स्वास्थ्य महकमा और पशुपालन विभाग अलर्ट मोड है.


पशुपालन पदाधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. घटनास्थल के एक किलोमीटर के दायरे में पालन होने वाले सभी सूअरों को मारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 10 किलोमीटर के अंदर सर्विलांस जोन बनाया गया है. सूअरों को बाहर ले जाने-लाने और मांस की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. प्रभावित क्षेत्रों को सैनिटाइज किया जा रहा है.


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