दरभंगा: कोरोना के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान बिहार पहुंचे हजारों प्रवासी मजदूर अब लॉकडाउन खत्म होने के बाद बिहार में रोजगार नहीं मिलने की वजह से बड़ी संख्या में फिर एक बार बिहार छोड़ रोजी-रोटी की तलाश में परदेश जाने लगे हैं. इन्हें ले जाने के लिए बड़ी संख्या में एक से एक लग्जरी बसें बिहार से दिल्ली के लिए चलने लगीं हैं. इसी के साथ पुलिस के अवैध वसूली का भी खेल शुरू हो गया है.

माजदूरों ने लगाया यह आरोप

इसी क्रम में दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र के शिवनगर घाट से मजदूरों को दिल्ली लेकर जा रही बस को बिरौल थाना पुलिस ने शिवनगर घाट से आगे रोक दिया. लोगों का आरोप है पुलिस ने जानबूझ कर वसूली के लिए बस को रोका है और मजदूरों को परेशान कर रही है. दरअसल, बस में बैठे कई मजदूर ऐसे थे जिन्हें दिल्ली से भी आगे जाना था और उनकी टिकट भी बुक हो चुकी थी.

एएसआई ने कही यह बात

ऐसे में जब एबीपी न्यूज संवाददाता ने वहां खड़ी बिरौल थाने के एएसआई अशर्फी राम से पूछ कि बस क्यूं रोकी गयी है? तो उन्होंने कहा मुझे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है. बस वाले ने यात्री उठाने के दौरान आपस में मारपीट की थी, जिस कारण बस को थाने ले जाने का आदेश डीएसपी साहब ने दिया है. वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर हम आए हैं. हालांकि यह कहने के तुरंत बाद पुलिस की टीम वहां से चली गई.

डीएसपी ने कही यह बात

इस बारे में जब डीएसपी दिलीप झा बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी चुनावी काल है, इसलिए कुछ नहीं बोलूंगा, बस को हमने रोका है, संबंधित पदाधिकारी इसकी जाँच कर फाइन काटेंगे. वहीं जब यह पूछा गया कि थाना को परमिट चेक करने का अधिकार है या नहीं तो उन्होंने कहा मुझे इससे मतलब नहीं. इनलोगों ने मारपीट की है जिस कारण कंडक्टर और खलासी को थाने ले जाया गया है. बस से संबंधित एमवीआई की जांच कर पदाधिकारी फाइन काटेंगे.

बहरहाल, इस पूरे मामले में एक बात साफ नजर आ रही है कि पैसों के लेनदेन के कारण ये पूरी वारदात हुई है क्योंकि ये बस वाले टूरिस्ट परमिट पर बिहार से दिल्ली के लिए बसे चला रहे हैं.