Actor Mukesh Khanna: धारावाहिक महाभारत में भीष्म पितामह के किरदार और 'शक्तिमान' सीरियल से चर्चित हुए अभिनेता मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna) ने सोमवार को समस्तीपुर में कहा कि बिहार आज भी काफी पिछड़ा है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यहां राजनीति पब्लिक पर हावी हो गई है. पब्लिक को सही राजनेता का चुनाव करना होगा.

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बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल 

उन्होंने कहा कि पब्लिक को भी थोड़ा सिविलाइज होना होगा. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि कहा जाता है बिहार में हर घर में 'कट्टा' होता है, आखिर क्यों होता है? समस्तीपुर में एक निजी स्कूल के उद्घाटन समारोह में पहुंचे अभिनेता मुकेश खन्ना ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि टीवी में बिहार की परीक्षा के दौरान परीक्षा हॉल की खिड़कियों पर चढ़े अभिभावक जवाब देते नजर आते हैं, यह अच्छा नहीं लगता.

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उन्होंने कहा कि शिक्षा से बड़ा दान कोई हो नहीं सकता. बिहार का नालंदा शिक्षा का गढ़ था, यहां देश-विदेश से लोग आते थे, लेकिन अब बिहार की शिक्षा व्यवस्था थोड़ी हिल गई है. बिहार की राजनीति पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार आज भी 'लालू' और 'आलू' से ऊपर उठ नहीं पाया है.

14 साल पहले भी वह बिहार आए थे. उस समय लालू यादव ने कहा था बिहार की सड़क हेमा मालिनी की गाल जैसी है, जो गलत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलते हैं मेरा देश प्रगति पर है, तो बिहार प्रगति पर क्यों नहीं है? बिहार में क्यों ट्रेनों में लोग लटक-लटक कर आते हैं? 50 ट्रेन और दे दीजिए और बुलेट ट्रेन को बंद कीजिए. उन्होंने आज की राजनीति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सभी को एकजुट होकर देश व समाज के वि‍कास के ल‍िए कार्य करना चाहि‍ए.

शिक्षा के लिए गुरुकुल सिस्टम पर दिया जोर

अभिनेता मुकेश खन्ना कहते हैं कि रियासतों को जोड़कर वल्लभभाई पटेल ने राष्ट्र का निर्माण किया था. उन्होंने कहा कि अब फिर से रियासतें अलग बन रही हैं. केरल अलग है, बिहार अलग है, पंजाब अलग है. उन्होंने कहा कि अकेले पीएम मोदी क्या करेंगे? पीएम मोदी का पावर वहीं पर है, जहां उनकी खुद की सरकार है.

अगर लोगों को चाहिए कि काम हो, तो केंद्र और राज्य में दोनों जगह एक ही सरकार चुनें. नहीं तो केजरीवाल जैसे हालात होंगे, पांच सालों तक सिर्फ झगड़ा होगा, काम नहीं. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में गुरुकुल सिस्टम शुरू करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि गुरुकुल में 13 साल के बच्चे के पास सभी तरह का ज्ञान उपलब्ध होता था. 

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