नई दिल्ली: कानपुर कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया. हालांकि एक बात पुलिस को परेशान कर रही है और वह यह है कि विकास दुबे जिस वक्त गिरफ्तार हुआ उस वक्त वह बिट्टू भैया का नाम बार-बार ले रहा था. अब पुलिस को बिट्टू भैया की तलाश है.


हालांकि पुलिस ने दो लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. दोनों वकील हैं. पुलिस को शक है कि इनमें से कोई बिट्टू भैया हो सकता है जिसको गिरफ्तारी के वक्त विकास आवाज लगा रहा था.


बता दें कि जिस वक्त आज विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया उस वक्त वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था. वह कह रहा था,''मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला, मुझे पकड़ लिया गया है.कहां गए बिट्टू भैया.'' पुलिस को विकास की इसी बात को सुनकर शक है कि उसके साथ बिट्टू नामक कोई शख्स भी था, जो फरार हो गया.


गिरफ्तार वकीलों से की जा रही है पूछताछ


दोनों वकीलों से पूछा जा रहा है कि आखिर कब आए और क्यों आए. किस रास्ते से आए, क्या रास्ते में वो कहीं रुके. वहीं उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे के पास से एक बैग भी बरामद किया है.उसका फोन भी मिला है, जिसमें पुलिस मोबाइल फोन का कॉल रिकॉर्ड खंगाल रही है.


कैसे पकड़ा गया विकास दुबे


कानपुर का कुख्यात गैंगस्टर और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपित विकास दुबे उज्जैन में सुबह 7:45 अपने कुछ साथियों के साथ महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आया था. विकास ने दर्शन के लिए महाकाल मंदिर की 250 रुपये की पर्ची भी कटाई थी और दर्शन करने लाइन में लगा था. उसे एनकाउंटर का डर भी था शायद इसी वजह से उसने ये रास्ता चुना. इस दौरान वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी.


शहीद CO के परिवार ने उठाए सवाल


कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए CO देवेंद्र मिश्रा के परिवार ने विकास की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं. देवेंद्र मिश्रा के भाई कमलाकांत मिश्रा ने कहा, "एक दिन पहले उसे फरीदाबाद में देखा गया. अगले दिन वह सुरक्षित उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंच जाता है, जबकि फरीदाबाद से उज्जैन की 12 घंटे की रास्ता है. आठ पुलिसकर्मियों की हत्या अकेले विकास दुबे या उसके गैंग ने नहीं की है. उसके साथ और दूसरे लोग भी शामिल थे, जो अबतक उसे बचाते रहे. उन्हीं की सलाह पर उसने सरेंडर भी किया है. इसको मैं पकड़ना नहीं कहुंगा. असल में उसे मौत से बचाया गया है. उसे विश्वास था कि उसे बचा लिया जाएगा."


कानपुर में शहीद हुए सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा के परिवार ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है कि क्या ऐसे ही होती हैं गिरफ्तारियां? उन्होंने कहा, "विकास दुबे का नेटवर्क एक्टिव है. सारे राज्यों की पुलिस और एसटीएफ के अलर्ट रहते हुए भी वो महाकाल मंदिर पहुंच गया. वहां जाकर दर्शन की टिकट कटवाता है. ये कैसे संभव है? इसके बाद जब पुलिस वहां पहुंचती है तो मीडियावालों को लेकर जाती है. क्या ऐसे ही होती है गिरफ्तारियां?"