टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में आज तक जितने स्पिनर्स ने खेला है वो सभी धोनी के मुरीद हैं. सभी को पता है कि अगर उनकी गेंदबाजी बेहतर थी तो उसे बेस्ट बनाने में धोनी का हाथ था जो विकेट के पीछे से कमाल करते थे. युजी चहल, आर अश्विन, कुलदीप यादव और दूसरे क्रिकेटर्स. चाहे आईपीएल हो या इंटरनेशनल क्रिकेट धोनी ने हमेशा ये साबित किया है कि विकेट के पीछे रहकर वो किसी भी बल्लेबाज को आउट कर सकते हैं.

आर अश्विन इन्हीं गेंदबाजों में से थे जिन्हें धोनी के साथ वन टू वन बल्लेबाज को आउट करने की प्लानिंग बनाने का मौका मिला. चाहे टीम इंडिया हो या आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स. आर अश्विन ने हर जरूरी मैच में अपनी गेंदबाजी और धोनी की रणनीति की मदद से टीम इंडिया को विकेट दिलाई है.

अश्विन ने कहा है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपने शुरुआती वर्षों में वह महेंद्र सिंह धोनी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते थे. उन्होंने कहा कि धोनी हमेशा से उन्हें असाधारण रूप से कुशल गेंदबाज मानते हैं. अश्विन ने 'क्रिकबज इन कनवर्सेशन' पर हर्षा भोगले से कहा, "धोनी हमेशा कहते थे कि मैं असाधारण रूप से कुशल हूं और आप जो कुछ भी करते हैं, उसे करते रहना चाहिए."

आईपीएल की सबसे सफल टीमों में से एक चेन्नई सुपर किंग्स के साथ अश्विन को 2008 में अनुबंध मिला था.

उन्होंने कहा, "आईपीएल और चेन्नई सुपर किंग्स एक ऐसा मंच है, जिसे सभी हासिल करना चाहते हैं. मेरे लिए यह पहचान बनाने का जरिया था. धोनी को नहीं पता था कि अश्विन कौन है, (मैथ्यू) हेडन और (मुथैया) मुरलीधरन को नहीं पता था कि अश्विन कौन है. पहली चीज जो मेरे दिमाग में आई वह यह थी कि मैं इन लोगों को दिखाऊंगा कि अश्विन यहां है."

स्टार आफ स्पिनर ने धोनी को लेकर कहा कि चैलेंजर ट्रॉफी के दौरान उन्होंने उन्हें आउट कर दिया था और फिर वहीं से उन्होंने धोनी का ध्यान अपनी ओर खींचा.

अश्विन ने कहा, "मेरी उनसे कभी लंबी बात नहीं हुई. इसके लिए मुझे नेट पर धोनी को आउट करना था. वह मुरलीधरन पर छक्के मार रहा था और मैंने सोचा कि अगर मैं उससे बेहतर गेंदबाजी करूंगा तो मुझे मुरली पर तरजीह मिल सकती है."

उन्होंने कहा, "मैंने चैलेंजर ट्रॉफी के दौरान उसे आउट करके और फिर छोटे बच्चे की तरह जश्न मनाकर उसका ध्यान खींचा."