नई दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम के सेमीफाइनल में हारने के बाद अब सबकी निगाहें महिला हॉकी टीम पर टिक गई हैं. हर कोई आज देश की इन बेटियों की जीत की दुआ कर रहा है. ओलंपिक में पहले ही इतिहास रचने के बाद अब भारतीय महिला हॉकी टीम अपने सेमीफाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना से भिड़ेगी. यह मैच भारतीय समय के अनुसार आज दोपहर 3:30 बजे शुरू होगा.


ओलंपिक गोल्ड मेडल से दो कदम दूर भारतीय महिला टीम


भारतीय महिला हॉकी टीम अपने ओलंपिक गोल्ड मेडल से बस दो कदम दूर है. हांलाकि इससे पहले उन्हें सेमीफाइनल के अपने मुकाबले में अर्जेंटीना की टीम को हार का स्वाद चखाना होगा. फिलहाल भारतीय महिला टीम ने यहां तक पहुंचने के लिए तीन बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की टीम को 1-0 से करारी हार देकर बाहर का रास्ता दिखाया है.


भारतीय टीम को खेलना होगा आक्रामक खेल


फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराने के बाद भारतीय टीम पूरे आत्मविश्वास से भरी हुई है. वहीं भारतीय हॉकी टीम के पूर्व सदस्य और ओलंपियन जगबीर सिंह का कहना है कि अर्जेंटीना की खिलाड़ी अक्सर अक्रामक होकर हॉकी खेलती हैं, ऐसे में हमारी बेटियों को भी अपना अक्रामक खेल दिखाना होगा. उनका कहना है कि मैच के दौरान भारतीय टीम को ज्यादा से ज्यादा पेनल्टी कॉर्नर बनाने होंगे और उनको गोल में तब्दील करना होगा.


कड़े मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को हराया


सेमीफाइनल में पहुंचने से पहले ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गए कड़े मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने मैदान पर अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन किया था. इस दौरान भारत को मिले एकमात्र पेनल्टी कॉर्नर को ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने गोल में बदला था. वहीं भारत की गोलकीपर सविता पूनिया के आगे ऑस्ट्रेलिया की टीम को मिले कुल 7 पेनल्टी कॉर्नर बेकार साबित हुए. सविता पूनिया के इस प्रदर्शन के कारण उन्हें ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया के नाम से नवाजा जा रहा है.


देश में दुआओं का दौर जारी


फिलहाल देश में भारतीय महिला टीम के सदस्यों के घरों में उनकी जीत को लेकर दुआओं का दौर जारी है. कप्तान रानी रामपाल के पिता रामपाल और नवजोत कौर के पिता सतनाम सिंह का कहना है कि वह मंदिर और गुरुद्वारे जाकर टीम की जीत के लिए प्रार्थना करेंगे. वहीं लगातार जीत मिलने के साथ ही भारतीय टीम की रैंकिंग में भी काफी सुधार देखने को मिला है. विश्व रैंकिंग में अब तक के अपने सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग के साथ भारतीय महिला टीम 7वें स्थान पर पहुंच गई है.


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