ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहले नेट गेंदबाज के रूप में चुने गये. लेकिन बाद में एक दौरे के दौरान तीनों इंटरनेशनल फॉर्मेट में डेब्यू करने वाले पहले क्रिकेटर बने तेज गेंदबाज टी नटराजन बेंगलुरू गये, जहां से वह तमिलनाडु में अपने गांव सलेम गए. नटराजन का उनके पैत्रिक गांव चिन्नापामपट्टी पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. उन्हें माला पहनाई गई और रथ में बैठाकर सड़कों पर उनकी यात्रा निकली, जहां लोगों ने बड़ी संख्या में जुटकर अपने नए सितारे की अगवानी की.
चेन्नई के रहने वाले अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, युवा आलराउंडर वाशिंगटन सुंदर और गेंदबाजी कोच भरत अरुण अभी दुबई में हैं और उनके शुक्रवार की सुबह स्वदेश पहुंचने की संभावना है. अजिंक्य रहाणे, रवि शास्त्री, रोहित शर्मा, शार्दुल ठाकुर और पृथ्वी शॉ का मुंबई पहुंचने पर मुंबई क्रिकेट संघ के अधिकारियों ने स्वागत किया, जिसमें अध्यक्ष विजय पाटिल और शीर्ष परिषद के सदस्य अजिंक्य नाईक, अमित दानी और उमेश खानविलकर शामिल थे. रहाणे ने टीम की जीत का जश्न मनाने के लिये केक भी काटा.
रहाणे इसके बाद सीधे माटुंगा स्थित अपने आवासीय परिसर में पहुंचे तो वहां के निवासियों ने उनके शानदार स्वागत के लिये भरपूर तैयारियां कर रखी थी. रहाणे के वहां पहुंचने पर ढोल बजने लगे और फूलों की बारिश होने लगी. रहाणे भी लोगों का यह प्यार देखकर आह्लादित थे. इनमें से कुछ तो कोविड-19 महामारी के बावजूद मास्क पहनकर हवाई अड्डे पर टीम का इंतजार कर रहे थे.
कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद भारत ने मंगलवार को ब्रिसबेन में चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हराकर सीरीज 2-1 से जीती और इस तरह से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखी.
कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ऑस्ट्रेलिया पर विजय हासिल करने के बाद गुरुवार को जब कुछ अन्य खिलाड़ियों के साथ स्वदेश पहुंचे तो वातावरण ‘आला रे आला अजिंक्य आला’ के स्वरों से गूंज उठा. लेकिन हैदराबाद में माहौल गमजदा दिखा जब जीत के नायकों में से एक मोहम्मद सिराज सीधे अपने पिता की कब्र पर गए.
सिराज ने अपने पिता के निधन के बावजूद ऑस्ट्रेलिया में ही टीम के साथ रुकने का फैसला किया था. वह हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे कब्रगाह पहुंचे और अपने पिता मोहम्मद गौस को श्रद्धांजलि दी.
सिराज के 53 साल के पिता का फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के कारण 20 नवंबर को निधन हो गया था. वह ऑटो रिक्शा चलाते थे. इसके एक हफ्ते पहले ही सिराज भारतीय टीम के साथ अपने पहले दौरे पर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे. सिराज को स्वदेश लौटने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में ही रुकने का फैसला किया और सिडनी टेस्ट के दौरान जब राष्ट्रगान बज रहा था तो इस बारे में सोचकर वह काफी भावुक होकर रोने लगे थे.
सिराज ने मेलबर्न में दूसरे मैच के साथ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा 13 विकेट चटकाए. साथ ही उन्होंने गाबा टेस्ट में पांच विकेट भी लिए. गाबा में अपने प्रदर्शन को उन्होंने अपने पिता को ट्रिब्यूट कर दिया था.
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