ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास में अगर किसी कप्तान का नाम सोने के अक्षरों में लिखा जाएगा, तो बिना संदेह के वो है स्टीव वॉ (Steve Waugh). मैदान पर शांत, लेकिन अंदर से बेहद जज्बाती वॉ ने अपनी कप्तानी में ऐसा दौर रचा जब ऑस्ट्रेलिया का सामना करना किसी टीम के लिए डर जैसा था. उनके नेतृत्व में कंगारुओं ने लगातार 16 टेस्ट मैच जीतकर विश्व रिकॉर्ड बनाया, जो आज भी क्रिकेट इतिहास के सबसे सुनहरे पलों में गिना जाता है.

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लाल रुमाल से जुड़ा किस्सा 

वॉ की सफलता के पीछे सिर्फ मेहनत या रणनीति नहीं थी, बल्कि उनका ‘लाल रुमाल वाला किस्सा’ भी उतना ही मशहूर था. स्टीव वॉ हर बार जब बल्लेबाजी करने मैदान में उतरते थे, तो वो अपनी जेब में एक लाल रंग का रुमाल रखते थे. यह रुमाल उनकी दादी ने उन्हें दिया था, और वॉ इसे अपना गुड लक चार्म मानते थे. उनका विश्वास था कि यह रुमाल उन्हें हर मुश्किल घड़ी में भाग्यशाली बनाएगा.

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कप्तानी में लिखा सुनहरा अध्याय

कप्तानी के दौरान स्टीव वॉ ने ऑस्ट्रेलिया को 1999 में वनडे वर्ल्ड कप का विजेता बनाया था. 1999 से 2004 के बीच स्टीव वॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 57 में से 41 टेस्ट मैच जीते. उनका जीत प्रतिशत 71.92% था, जो किसी भी कप्तान के लिए शानदार आंकड़ा माना जाता है. उस समय उनकी टीम को हराना लगभग असंभव लगता था. भारत ही वह टीम थी जिसने 2001 में कोलकाता टेस्ट में उनकी जीत की लड़ी को तोड़ा, जब वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने ऐतिहासिक पारी खेली थी.

बल्लेबाज के रूप में भी बेजोड़ थे स्टीव वॉ

स्टीव वॉ सिर्फ कप्तान नहीं, बल्कि एक क्लासिक टेस्ट बल्लेबाज भी थे. उन्होंने अपने करियर में 168 टेस्ट मैच खेले और 51 की औसत से 10,927 रन बनाए, जिनमें 32 शतक और 50 अर्धशतक शामिल हैं. वनडे में भी वॉ ने अपनी छाप छोड़ी. 325 मैचों में उन्होंने 7,569 रन बनाए थे.

क्रिकेट इतिहास की अनोखी जुड़वा जोड़ी

दिलचस्प बात यह है कि स्टीव वॉ और उनके जुड़वा भाई मार्क वॉ क्रिकेट इतिहास की पहली ऐसी जोड़ी बने जिन्होंने एक ही देश के लिए टेस्ट मैच खेला. दोनों का जन्म 2 जून 1965 को सिडनी में हुआ था, और स्टीव मार्क से सिर्फ चार मिनट बड़े हैं. मार्क ने 128 टेस्ट में 8,029 रन बनाए और 244 वनडे में 8,500 रन जुटाए. साथ खेलते हुए इन दोनों ने 108 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया.